भारत पहली बार अपने गगनयान कार्यक्रम के तहत आगामी 40 दिनों में एक मानव को पृथ्वी की कक्षा में भेजेगा। इस मिशन की अधिकतम अवधि सात दिनों की होगी।
सरकार ने दस हजार करोड़ रुपये के गगनयान कार्यक्रम के अंतर्गत दो मानवरहित उड़ानें तथा एक मानवचालित उड़ान कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
आगामी 40 महीनों में पहला मानवचालित विमान को पृथ्वी की कक्षा में भेजने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके पहले दो मानव रहित विमान भेजे जाएंगे ताकि टेक्नोलॉजी तथा मिशन प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को पुख्ता किया जा सके।
सरकार के अनुसार गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल धन की आवश्यकता 10,000 करोड़ रुपये के भीतर है और इसमें टेक्नोलॉजी विकास लागतए विमान हार्डवेयर प्राप्ति तथा आवश्यक ढांचागत तत्व शामिल हैं। दो मानवरहित विमान तथा एक मानवचालित विमान गगनयान कार्यक्रम के भाग के रूप में चलाया जाएंगे।
फोटो इसरो से साभार : जीएसएलवी एमके III
पृथ्वी की निचली कक्षा में भारतीय मानव अंतरिक्ष यान क्षमता प्रदर्शित करने वाले गगनयान कार्यक्रम को भी मंजूरी दी है। मानव निर्धारित जीएसएलवी एमके-III का उपयोग कक्षा मॉड्यूल को ले जाने में होगा।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी में उपलब्धि का बहुत बड़ा दिन बना है कैबिनेट का एक फैसला] जिसमें कैबिनेट ने इंडियन ह्यूमन स्पेस फ्लाइट इनिशिएटिव गगनयान प्रोग्राम को अपनी सहमति दी है। यह गगनयान प्रोग्राम है जिसमें हम तीन मेंबर क्रू को सात दिन तक स्पेस में भेजेगें।
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