Rail track map

दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर रेल लाइन बिछाएगा भारत

नई दिल्ली, 27 जून । भारत दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर रेल लाइन बिछाने जारहा है।  बिलासपुर-मनाली-लेह बड़ी रेल लाइन के सर्वेक्षण के लिए निर्धारित किये गए अंतिम स्थान पर मंगलवार को आधारशिला रखी गई। प्रस्‍तावित रेल लाइन हिमाचल प्रदेश और लेह लद्दाख के दूरवर्ती क्षेत्रों को सभी मौसम में रेल संपर्क प्रदान करेगी।  रेल लाइन  विश्‍व में सबसे ऊंचे मार्ग पर बनने जारही है।

इस 498 किलोमीटर लंबे बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन का बहुत महत्‍व है। इसकी आधारशिला रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने लेह में रखी।

जम्‍मू-कश्‍मीर के लद्दाख इलाके में लेह महत्‍वपूर्ण शहर है। इसकी आबादी लगभग 1.5 लाख है। यहां हर वर्ष बड़ी संख्‍या में भारतीय एवं विदेशी पर्यटक आते हैं। व्‍यापक रक्षा प्रतिष्‍ठानों के साथ लेह जिला देश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है और 14 कोर का यह मुख्‍यालय भी है। इस क्षेत्र में शीतकाल में तापमान शून्‍य से भी नीचे चला जाता है। भारी बर्फबारी के कारण देश के दूसरे हिस्‍सों के साथ इस क्षेत्र का सड़क संपर्क टूट जाता है ऐसे में सामरिक तथा सामाजिक, आर्थिक आवश्‍यकताओं के लिए सभी मौसम के अनुकूल रेल संपर्क आवश्‍यक है।

देश के दूसरे हिस्‍सों के साथ लेह को एक बड़ी लाइन से जोड़ने के लिए भारतीय रेल ने अंतिम स्‍थल सर्वेक्षण का काम लिया है। यह मनाली होते हुए बिलासपुर से लेह तक वास्‍तविक निर्माण शुरू होने से पहले की प्रक्रिया है। इससे मंडी, कुल्‍लू, मनाली, कीलांग तथा हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू-कश्‍मीर के महत्‍वपूर्ण शहरों से संपर्क कायम होगा। बिलासपुर से लाइन को आनंदपुर साहेब और नांगल बांध के बीच भानूपाली से जोड़ा जायेगा।

यह लाइन शिवालिक, ग्रेट हिमालय तथा जंस्कार क्षेत्र होते हुए जाएगी। इन क्षेत्रों में ऊंचाई को लेकर अंतर है (एमएसएल से ऊपर 600 एम से 5300 एम) और यह भूकंपीय क्षेत्र IV और V में आता है। इसलिए बड़ी संख्‍या में सुरंग, छोटे और बड़े पुल की जरूरत होगी। अंतिम स्‍थल सर्वेक्षण का काम रेल मंत्रालय ने राइट्स लिमिटेड को दिया है। 157 करोड़ रुपये की लागत से यह लाइन 2019 तक पूरी कर ली जायेगी।

सर्वेक्षण में शामिल गतिविधियां:

  • निर्माण योग्‍य, आर्थिक रूप से लाभकारी, सुरक्षित तथा सभी मौसम के अनुकूल रेल लाइन में अत्‍याधुनिक टेक्‍नोलॉजी का उपयोग किया जायेगा।
  • ऐसे कठिन और दुर्गम इलाके में रेलवे लाइन का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए चुनौतीपूर्ण होगा और विश्‍व का बेजोड़ रेल मार्ग होगा।