नई दिल्ली, 22 जुलाई (जस)। वायु सेना कमांडरों के सम्मेलन (AFCC) का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी (LAC) पर डी-एस्केलेशन (de-escalation) के लिए चल रहे प्रयासों की सराहना की और आग्रह किया कि भारतीय वायुसेना किसी भी स्थिति को संभालने के लिए तैयार रहे।
आज वायु सेना (Air Force) मुख्यालय (वायु भवन) में आयोजित सम्मेलन में वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने रक्षा मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत किया।
तीन दिवसीय सम्मेलन में ‘अगले दशक में भारतीय वायु सेना’ (Indian Air Force) विषय पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने पिछले कुछ महीनों में अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) द्वारा उठाये गए कदमों की सराहना की।
उन्होंने सीडीएस (CDS) की नियुक्ति और डीएमए के निर्माण के बाद से तीन सेनाओं के भीतर तालमेल और एकीकरण बढ़ाने की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने एक मजबूत प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए छोटी सूचना मिलने पर पर भी स्थितियों को संभालने की क्षमता पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
रक्षा मंत्री ने प्रौद्योगिकी में आए बदलावों तथा नैनो टेक्नोलाजी, आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस, साइबर एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में उभरती क्षमताओं को अपनाने में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की भूमिका की सराहना करते हुए अपने भाषण का समापन किया।
उन्होंने भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) कमांडरों को भरोसा दिलाया कि चाहे वित्तीय आवश्यकताएं हों या और कोई आवश्यकता, सशस्त्र बलों की सभी जरुरतों को पूरा किया जाएगा।
सीएएस ने कमांडरों को अपने संबोधन में कहा कि भारतीय वायु सेना (Indian Air Forceअल्पकालिक एवं रणनीतिक खतरों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है और यूनिट भी शत्रुओं द्वारा किसी भी आक्रमक कार्रवाई का मुकाबला करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं।
उन्होंने नोट किया कि तैनाती एवं बलों की तैयारी सुनिश्चित करने में सभी कमानों की प्रतिक्रया त्वरित और सराहनीय रही।
उन्होंने एक सुदृढ़ रिस्पांस सुनिश्चित करने के लिए अल्प समय की सूचना पर स्थिति से निपटने की क्षमता पर फोकस करने पर बल दिया।
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