Indian banks need to enhance the security of ATM software

भारतीय बैंकों को एटीएम सॉफ्टवेयर की सुरक्षा बढ़ाने की दरकार

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर | एक तरफ जहां देश के प्रमुख बैंक उन डेबिट कार्ड को ब्लॉक करने में जुटे हैं, जिनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई है (इनकी संख्या हजारों में है)। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि बैंक एटीएम की सुरक्षा में अत्याधुनिक पूरी तरह से एनक्रिप्टेड सुरक्षा समाधानों का प्रयोग किया जाए।

देश के शीर्ष साइबर विशेषज्ञों का यही कहना है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक उन बैंकों में से हैं जो अपने ग्राहकों के डेबिट कार्ड को मालवेयर से जुड़े सुरक्षा चिंताओं को लेकर ब्लॉक कर रहे हैं।

अकेले एसबीआई ने अभी तक 6,00,000 से ज्यादा डेबिट कार्डो को ब्लॉक कर दिया है।

साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने आईएएनएस को बताया, “यह घटना भारतीय बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आंखे खोलने वाली है, कि वे ठहर कर अतिरिक्त सुरक्षा इंतजामों के बारे में विचार करें। यह सुरक्षा उल्लंघन एटीएम प्रणाली में मॉलवेयर के घुसने से हुई। कहा जा रहा है कि इस मॉलवेयर ने डेटा चोरी की है।”

हाल के दिनों में जापान और बांग्लादेश में मालवेयर हमले से जुड़ी सुरक्षा खतरे देखे गए हैं। इसे देखते हुए भारतीय बैंक अपनी प्रणाली को अधिक सुरक्षित बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

डिजिटल सुरक्षा से जुड़ी कंपनी गेमाल्टो के निदेशक (बैंकिंग और परिवहन, भारतीय उपमहाद्वीप) अतुल सिंह कहते हैं, “अब वक्त आ गया है कि बैंकों द्वारा मैगनेटिक स्ट्रिप वाले जारी किए गए कार्डो को जल्द से जल्द बदला जाए। जहां प्रभावित बैंक डेबिट कार्डो को ब्लॉक कर रहे हैं, वहीं साथ ही साथ वे ईवीएम चिप वाले कार्डो को बदल कर जारी कर रहे हैं जो ग्राहकों के लिए अधिक सुरक्षित है।”

गेमाल्टो दुनिया की प्रमुख कंपनियों, बैकों और दूरसंचार कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी समाधान के लिए काम करती है।

ईएमवी का मतलब यूरोपे, मास्टरकार्ड और वीसा है। यह क्रेडिट कार्ड का वैश्विक मानक है जो कंप्यूटर चिप के माध्यम से लेन-देन को प्रमाणित करता है।

सिंह ने आईएएनएस को बताया, “भारतीय रिजर्व बैंक ने भी यह निर्देश जारी किया है कि ईएमवी और पिन सक्षम कार्ड जारी किया जाए। उद्योग के अनुमान के मुताबिक, अगले दो सालों में लगभग 400 करोड़ मैगनेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड ईएमवी मानक वाले कार्ड में बदल दिए जाएंगे। जबकि इस साल करीब 12 करोड़ कार्ड बदले जाएंगे।”

देश में जहां पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) टर्मिनल की अवसंरचना ईएमवी चिप और पिन कार्ड वाले कार्डो के हिसाब से सक्षम है। लेकिन एटीएम अवसंरचना अभी भी इस प्रणाली के हिसाब से सक्षम नहीं है।

सिंह आगे कहते हैं, “नतीजा यह है कि एटीएम कार्ड से किए जानेवाले लेनदेन सुरक्षित नहीं हैं।”

उन्होंने कहा कि इस दौरान बैंकों को इन घटनाओं से सबक लेते हुए साइबर सुरक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।           –आईएएनएस