नई दिल्ली, 30 मार्च | विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि अगर अमेरिका एच1बी वीजा, आव्रजन या बिजनेस आउटसोर्सिग पर प्रतिबंध लगाता है, तो इससे केवल भारतीयों को ही नुकसान नहीं पहुंचेगा, बल्कि यह अमेरिका के लिए भी नुकसानदायक होगा। सुषमा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, “हम (एच-1बी वीजा को लेकर) अमेरिकी प्रशासन के साथ केवल बात ही नहीं कर रहे, बल्कि तर्क और ठोस आंकड़ों के साथ बात कर रहे हैं।”
सुषमा ने कहा, “यह पारस्परिक रूप से लाभकारी भागीदारी है, हमने उन्हें (अमेरिका को) बता दिया है कि अगर आप ये संबंध तोड़ेंगे, तो इससे केवल हमें ही नहीं, आपको भी तकलीफ होगी।”
सुषमा ने कहा कि अमेरिका में मौजूद भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां अमेरिकियों की नौकरियां छीन नहीं रहीं, बल्कि वे वहां रोजगार सृजन कर रही हैं।
सुषमा ने कहा, “हमने उन्हें बताया है कि यह सच नहीं है कि भारतीय उनकी नौकरियां छीन रहे हैं। बल्कि, अमेरिका में मौजूद भारतीय कंपनियां अमेरिकियों के लिए रोजगार पैदा कर रहीं हैं। अब तक भारतीय कंपनियां 1.56 लाख अमेरिकियों को सीधे तौर पर नौकरियां और 4.11 लाख लोगों को सहायक काम दे चुकी हैं।”
सुषमा ने कहा कि 2011 और 2015 के बीच भारतीय कंपनियों ने दो अरब डॉलर का निवेश किया था और 20 अरब डॉलर कर के रूप में चुकाए थे। इतना ही नहीं भारतीय कामगारों ने सामाजिक सुरक्षा योजना में सात अरब डॉलर का योगदान दिया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में मौजूद अमेरिकी कंपनियां वार्षिक तौर पर 27.5 अरब डॉलर कमा रही हैं।
सुषमा ने सदन में कहा कि विदेश सचिव और वाणिज्य सचिव ने इस साल 28 फरवरी और 3 मार्च के बीच अमेरिका का दौरा किया था और नए अमेरिकी प्रशासन के कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व के साथ भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री ने कहा, “हमने इस बात पर जोर दिया है कि भारत के कुशल पेशेवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दे रहे हैं और प्रतिस्पर्धा और नवीनीकरण में बढ़त बनाए रखने में अमेरिका की मदद कर रहे हैं।”
सुषमा ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अब तक किसी ऐसे व्यापक नीतिगत बदलाव की घोषणा नहीं की है जिसका गैर प्रवासी कामगार वीजा प्रोग्राम पर प्रभाव पड़े।
सुषमा ने कहा, “अमेरिकी कांग्रेस के पास 13 विधेयक विचाराधीन हैं। उनमें से चार एच1बी वीजा के लिए हैं, छह विधेयक भारत में आउटसोर्सिग बिजनेस से संबंधित हैं और तीन विधेयक आव्रजन के बारे में हैं। लेकिन अभी उनमें से कोई भी मंजूर नहीं हुआ है।”
सुषमा ने कहा, “भारत सरकार अमेरिका में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों और पेशेवरों पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखे हुए है। हम भारतीय कर्मचारियों और पेशेवरों के हितों की रक्षा के लिए अमेरिकी प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से शीर्षस्तर पर बातचीत कर रहे हैं।” –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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