भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने विभिन्न साहसिक कार्यों के लिए एक अभियान शुरू किया है, जो तीन चरणों में चलेगा।
इसमें साइक्लिंग और पैदल यात्रा, पैरा ग्लाइडिंग तथा समुद्री गोताखोरी शामिल है।
भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पास विभिन्न साहसिक कार्यों को करने के लिए साहस की भावना के साथ-साथ अनोखी दूरदर्शिता है।
सशस्त्र सेनाओं के सौहार्द और मजबूती को प्रदर्शित करने के लिए 17 दिसंबर, 2018 से 5 जनवरी, 2019 तक तीनों सेनाओं का साहसिक अभियान चल रहा है।
यह अभियान तीन अधिकारियों, वारंट रैंक के तीन अधिकारियों, सेना, नौसेना और वायुसेना के 13 सैनिकों के एक दल ने शुरू किया है।
स्ट्राइकिंग लॉयन डिविजन के तत्वावधान में अभियान के पहले चरण में साइक्लिंग और पैदल यात्रा अभियान के अंतर्गत कलिमपोंग से उत्तरी सिक्किम तक 200 किलोमीटर की दूरी को शामिल किया जाएगा।
इस अभियान को स्ट्राइकिंग लॉयन डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने आज कलिमपोंग में दरपिन मोनेस्ट्री के गोम्पा मैदान से रवाना किया।
सशस्त्र सेना का दल अगले पांच दिन तक उत्तर सिक्किम के खतरनाक और चुनौतीपूर्ण पर्वतों पर साइक्लिंग करते हुए 15,000 फुट की ऊंचाई पर लाचेन और लचुंग घाटियों में पहुंचेगा।
साइक्लिंग के अलावा यह दल तीस्ता नदी के साथ पर्वत श्रृंखलाओं के रास्ते पैदल यात्रा भी करेगा। अभियान के दौरान दल ‘हरित सिक्किम, स्वच्छ सिक्किम’ का संदेश फैलाएगा।
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