नई दिल्ली, 12 मई। भारतीय नौसेना ने अपने मित्र देशों के साथ अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज़ कर दिया है। इसी सन्दर्भ में भारतीय जहाज मलेशिया और वियतनाम पहुँच गए हैं। दूसरी और रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा तंजानिया की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होगये हैं।
भारतीय नौसेना की परिचालन तैनाती के तहत भारतीय नौसेना के दो जहाज दिल्ली और शक्ति पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल राजेश धनखड़ की कमान में मलेशिया के कोटा किनाबालु पहुंचे।
रॉयल मलेशियाई नौसेना और मलेशिया में भारतीय उच्चायोग द्वारा जहाजों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
पोर्ट कॉल के दौरान, भारतीय और मलेशियाई नौसेना कर्मी विषय वस्तु विशेषज्ञ विनिमय (एसएमईई) सत्र, योग, खेल कार्यक्रम और क्रॉस-डेक दौरों सहित पेशेवर बातचीत की एक विस्तृत श्रृंखला में शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच मौजूदा आपसी सहयोग और समझ को और मजबूत करना है।
भारतीय नौसेना के जहाज, बंदरगाह यात्रा पूरा होने पर, रॉयल मलेशियाई नौसेना के जहाजों के साथ समुद्र में समुद्री साझेदारी अभ्यास (एमपीएक्स)/पासेक्स में भी भाग लेंगे। इसका उद्देश्य मौजूदा आपसी सहयोग और समझ को और मजबूत करना है, जिसे हाल ही में संपन्न मिलन 2024 और युद्धाभ्यास समुद्र लक्ष्मण 2024 के दौरान दोहराया गया था।
कई कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से यह यात्रा दोनों समुद्री पड़ोसियों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग को और मजबूत करेगी। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारतीय नौसेना के जहाजों की तैनाती भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ और सागर नीतियों के प्रति भारतीय नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।
आईएनएस दिल्ली पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित प्रोजेक्ट-15 क्लास गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है और आईएनएस शक्ति एक फ्लीट सपोर्ट जहाज है, दोनों जहाज भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं।
वियतनाम
भारतीय नौसेना पोत (आईएनएस) किल्टान आज 12 मई 24 को वियतनाम कैम रन खाड़ी (कैम रन बे) में पहुंचा जहां वियतनाम पीपुल्स नेवी और भारतीय दूतावास द्वारा इसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
यह यात्रा भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती का एक अंग है। इस यात्रा से दोनों समुद्री देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग को और सुदृढ़ किया जा सकेगा ।
भारत और वियतनाम आपस में व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। इन्हीं संबंधों को आगे बढ़ाते हुए, भारतीय नौसेना पोत किल्टन की यह यात्रा पेशेवर बातचीत, खेल, सामाजिक आदान-प्रदान और दोनों नौसेनाओं के साझा मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाले सामुदायिक आउटरीच जैसी गतिविधियों पर केंद्रित है।
यह यात्रा भारतीय नौसेना और वियतनाम पीपुल्स नेवी के बीच समुद्र में समुद्री साझेदारी अभ्यास के साथ समाप्त होगी। यह अभ्यास अंतरसंचालनीयता (इन्टरओपेरेबिलिटी) और सर्वोत्तम प्रथाओं (बेस्ट प्रैक्टिसेज) के आदान-प्रदान को और बढ़ाएगा।
आईएनएस किल्टन एक स्वदेशी एएसडब्ल्यू कार्वेट है, जिसे भारतीय नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा डिजाइन किया गया था और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा निर्मित किया गया था। आईएनएस किल्टन चार पी 28 एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) कार्वेट में से तीसरा है।
रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए)
रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा, संयुक्त गणराज्य तंजानिया की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए हैं। 13-15 मई 2024 तक निर्धारित इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाना व क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग के अवसरों पर चर्चा करना है।
अपनी यात्रा के दौरान डीआईए के महानिदेशक, तंजानिया पीपल्स डिफेंस फोर्स के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल जैकब जॉन मकुंडा और उनके समकक्ष चीफ ऑफ डिफेंस इंटेलिजेंस, मेजर जनरल एमएन मकेरेमी, सहित तंजानिया के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। तंजानिया राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज की अपनी यात्रा के दौरान वे टीपीडीएफ के भावी नेताओं के साथ भारत के सुरक्षा परिप्रेक्ष्य पर चर्चा करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ाना और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करना होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा भारतीय उच्चायोग, दार एस सलाम में नव स्थापित रक्षा विंग का उद्घाटन भी करेंगे। टीपीडीएफ के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में सद्भावना के तौर पर वह भारत में निर्मित बुलेट प्रूफ जैकेट भेंट करेंगे। कमांड एंड स्टाफ कॉलेज सीएससी अरूषा में डीजी डीआईए लाइब्रेरी का उद्घाटन करेंगे और व्यायामशाला की आधारशिला रखेंगे, इन सुविधाओं को भारत सरकार की सहायता प्रदान की जा रही है।
भारत के तंजानिया के साथ घनिष्ठ, मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जिन्हें गहन क्षमता निर्माण और रक्षा सहयोग के अवसरों से मजबूती प्रदान की गई है। भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल की यात्रा से तंजानिया के साथ उन्नत रणनीतिक साझेदारी के और मजबूत होने की उम्मीद है।
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