नई दिल्ली, 18 अप्रैल (जनसमा)। भूमध्य सागर समु्द्र तथा अफ्रीका के पश्चिमी तट पर भारतीय नौ सेना की विदेश तैनाती (ओएसडी) के हिस्से के रूप में चार जंगी जहाज-भारतीय नौसेना जहाज मुम्बई, त्रिशूल, तर्कश और आदित्य- सोमवार को तीन दिन की यात्रा पर यूनान की सौदा खाड़ी पहुंचे।
ये जंगी जहाज वहां प्रवास के दौरान हैलेनिक नौसेना के साथ कार्य करेगे। इसके साथ ही पेशेवर विचार-विमर्श के अलावा अनेक खेल और सामाजिक कार्यक्रम भी बनाये गये हैं जो दोनों नौ सेनाओं के बीच सहयोग और समझदारी बढ़ाने में सहायक होंगे।
यूनान की सौदा खाड़ी पहुंचे जहाज भारतीय नौ सेना की मुम्बई स्थित पश्चिमी कमान का हिस्सा हैं। टास्क समूह का नेतृत्व रियर एडमिरल आर बी पंडित, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग पश्चिमी फ्लीट कर रहे हैं। रियर एडमिरल आर बी पंडित देश में निर्मित निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मुम्बई फ्लैग पर अपना ध्वज फहरा रहे हैं।
फोटो खबर को समझने के लिए है। यूनान की खाड़ी भेजे गए जहाजों की नहीं है।
जहाजों की यह यात्रा समुद्री क्षेत्र में अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में मित्र और समान समझदारी के देशों के साथ भारत की शान्तिपूर्ण उपस्थिति और समर्थन की अभिव्यक्ति है और भारत और यूनान के बीच वर्तमान संबंधों को मजबूत बनाने पर बल देती है। भारत और यूनान विश्व की दो पुरानी सभ्यताएं हैं और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं।
भारत और यूनान ने अपने समृद्ध संबंधों के आधार पर अनेक क्षेत्रों में सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित किये हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए अनेक द्विपक्षीय समझौते हुए हैं। अधिकतर समझौते पर राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम की यात्रा के दौरान 2007 में हस्ताक्षर किये गये थे।
भारत और यूनान के बीच व्यावसायिक संबंध जीवंत रहा है और भारत की अनेक कंपनियों की यूनान में कारोबारी दिलचस्पी है। 1998 में भारत और यूनान के बीच रक्षा सहयोग पर सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। यूनान के रक्षा मंत्री श्री पन्नोस काम्मेनोस दिसंबर 2015 में भारत की यात्रा पर आये और नौ सैनिक सहयोग और प्रशिक्षण तथा क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे विभिन्न मसलों पर भारत के रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर से बातचीत की।
पिछले कुछ दशकों में भारत ने स्वदेशी रूप से जंगी जहाज डिजाइन और निर्माण में काफी प्रगति की है। यूनान यात्रा पर गये जहाज अपनी क्षमताओं के प्रमाण हैं। आईएनएस मुम्बई और आदित्य की डिजाइन भारतीय नौ सेना की डिजाइन ब्यूरो द्वारा की गई है और इसे मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (मुम्बई) तथा गार्डेन रिच शिप बिल्डिर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (कोलकाता) में बनाया गया है। विध्वंसक मुम्बई तथा युद्ध पोत त्रिशूल तथा तर्कश अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से लैस हैं।
हाल के वर्षों में सोमालिया के तट पर पाइरेसी सहित क्षेत्र की प्रमुख समुद्री चिंताओं के समाधान के लिए भारतीय नौ सैनिक परिसम्पत्तियों की तैनाती बढ़ी है। इसके अतिरिक्त भारतीय नौ सेना हिंद महासागर क्षेत्र में हाईड्रोग्राफिक सर्वे, तालशी और बचाव, ईईजेड निगरानी और क्षमता सृजन और क्षमता वृद्धि गतिविधियों में अनेक देशों की सहायता कर रही है। भूमध्य सागर क्षेत्र में वर्तमान तैनाती से अंतर संचालन प्रयास और समुद्री मित्रता मजबूत बनाने की दिशा में भारतीय नौ सेना के प्रयासों में मदद मिलेगी।
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