नई दिल्ली,20 जुलाई (जनसमा)। विदेशों में रह रहे या रोजगार के लिए गए भारतीयों को किसी संकट में फंसने पर और तेजी से मदद मिलेगी।
सरकार ने भारतीय समुदाय कल्याण कोष(आईसीडब्ल्यूएफ) के दिशा निर्देशों में बदलाव कर उसे प्रवासी भारतीयों और विदेशों में संकट में फंसे भारतीयों की और अधिक मदद के लिए कारगर बना दिया गया है।
संशोधित दिशा निर्देशों में कोष के जरिए सहायता प्रदान करने के उपायों का दायरा भी बढ़ाया दिया गया है। नए दिशा निर्देशों में प्रवासी भारतीयों को संकट की स्थिति में मदद उपलब्ध कराना,उनके लिए सामुदायिक कल्याण कार्य तथा दूतावास सेवाओं को बेहतर बनाने जैसी तीन प्रमुख बातें शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भारतीय समुदाय कल्याण कोष (आईसीडब्ल्यूएफ ) के संशोधित दिशा निर्देशों को मंजूरी दे दी गई है।
कल्याण कोष की स्थापना 2009 में हुई थी, जिसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को अत्यंत संकट एवं आपात स्थिति में सहायता प्रदान करना है।
उम्मीद की जाती है कि इन दिशा निर्देशों से विदेशों में बसे भारतीयों के लिए जरुरत पड़ने पर जल्दी मदद पहुंचाने के लिए भारतीय दूतावासों की सेवाओं को ज्यादा लचीला और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
आईसीडब्ल्यूएफ प्रवासी भारतीयों को आपात स्थितियों में मदद पहुंचाने के अलावा लीबिया, इराक, यमन और दक्षिण सूडान जैसे देशों के युद्ध रत क्षेत्रो से भारतीयों को सुरक्षित निकालने में भी अहम भूमिका अदा कर चुका है।
सऊदी अरब में साल 2013 में लाए गए निताकत कानून तथा मौजूदा एमेनेस्टी अभियान 2017 के दौरान बिना वैध दस्तावेजो के चुनौतीपूर्ण हालात में वहां रह रहे भारतीय मजदूरो को भी आईसीडब्ल्यूएफ ने सुरक्षित निकालकर स्वदेश भेजने में मदद की है।
जिस स्तर पर और जिस तेजी के साथ यह मदद पहुंचाई गई है उसके लिए पूरी दुनिया में कोष की सराहना की गई है । इससे विदेश जाने वाले प्रवासी भारतीय श्रमिकों में यह आत्मविश्वास पैदा हुआ है कि संकटपूर्ण स्थिति में उन्हें अपने देश से मदद मिल सकेगी।
आईसीडब्ल्यूएफ की सेवाएं विदेशों में सभी भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों में उपलब्ध है।
आईसीडब्ल्यएफ का वित्त पोषण दूतावासों के जरिए दी जाने वाली सामान्य सेवाओं से अर्जित आय से होता है
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