दुनिया की 17 फीसदी आबादी वाला देश होने के बावजूद दुनिया में भारत की कार्बन उत्सर्जन हिस्सेदारी सिर्फ 4 फीसदी है. इसके बावजूद, हम अपने ऊर्जा मिश्रण को और बेहतर बनाने के लिए पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील ऊर्जा स्रोतों के विकास पर जोर दे रहे हैं। 2070 तक हम नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं।’
आज गोवा में भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि आज भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में दुनिया में चौथे स्थान पर है। हमारी स्थापित विद्युत क्षमता का 40 प्रतिशत गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों से आता है। पिछले दशक में भारत की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता 20 गुना से अधिक बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक तेल एवं गैस सीईओ और विशेषज्ञों के साथ एक गोलमेज बैठक भी की।
उन्होंने कहा कि भारत में सौर ऊर्जा से जुड़ने का अभियान एक जन आंदोलन बनता जा रहा है। भारत में 1 करोड़ घरों में सोलर रूफटॉप लगाने की योजना की घोषणा की गई है, इससे हमारे एक करोड़ परिवार ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे। उनके घरों में पैदा होने वाली अतिरिक्त बिजली को सीधे ग्रिड में भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है। यह इस संपूर्ण सौर मूल्य श्रृंखला में निवेश करने का एक बड़ा अवसर पैदा करने जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के कारण भारत जल्द ही हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात का केंद्र बनने जा रहा है। मुझे विश्वास है कि भारत का हरित ऊर्जा क्षेत्र निवेशकों और उद्योगों दोनों को निश्चित विजेता बना सकता है।
इस वर्ष के भारत ऊर्जा सप्ताह में 900 प्रदर्शक शामिल होंगे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30% अधिक है, साथ ही 350 वैश्विक कंपनियों, 15 देशों के मंत्रियों और छह देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश मंडपों की भागीदारी भी शामिल होगी। 9 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में जैव ईंधन के भविष्य, स्वच्छ गतिशीलता प्रौद्योगिकी में नवाचार और 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए भारत के मार्ग जैसे विषयों पर कई रणनीतिक और तकनीकी सत्र शामिल होंगे।
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