राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना की संरचना में अनेक स्थानों पर दरार पड़ने के कारण होने वाले जल रिसाव को रोकने के लिए भारत ने न्यू डेवेलपमैंट बैंक के साथ 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के दूसरे ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए है।
इस समझौते के तहत परियोजना कार्यान्वयन 6 वर्ष में पूरा किया जाना । राजस्थान सरकार का जल संसाधन विभाग परियोजना के काम को पूरा करेगी।
मरुस्थल क्षेत्रों के संबंध में राजस्थान जल क्षेत्र पुनर्निर्माण परियोजना के लिए भारत ने यहां 13 फरवरी, 2018 को न्यू डेवेलपमैंट बैंक (एनडीबी) के साथ 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के दूसरे ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
100 मिलियन अमेरिकी डॉलर एनडीबी द्वारा स्वीकृत ऋण की पहली किस्त है।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के लिए बहु-अंशी वित्त पोषण सुविधा के तहत 345 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण का प्रावधान किया गया है।
इस परियोजना का उद्देश्य रिसाव, जल संरक्षण और पानी की गुणवत्ता बढ़ाने के संबंध में 1958-63 के दौरान निर्मित 648 किलोमीटर लंबी इंदिरा गांधी नहर प्रणाली को दुरुस्त करना है।
इस परियोजना के पूरा होने पर कई लाभ होंगे-
- इंदिरा गांधी नहर परियोजना की संरचना में दरार पड़ने के कारण होने वाले रिसाव को रोका जाएगा। इसकी तुरंत आवश्यकता है।
- पानी भरने वाले क्षेत्रों को दुरूस्त किया जाएगा।
- परियोजना क्षेत्र में सिंचाई प्रबंधन का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
- परियोजना क्षेत्र में पेय जलापूर्ति और सिंचाई सुविधाओं को मजबूत बनाया जाएगा।
ऋण समझौते पर भारत सरकार की तरफ से आर्थिक कार्य विभाग के संयुक्त सचिव गोविंद मोहन और एनडीबी की तरफ से परियोजना वित्तपोषण के महानिदेशक शाओह्वा वू ने हस्ताक्षर किए।
परियोजना समझौते पर राजस्थान सरकार की तरफ से जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए। भारत सरकार, एनडीबी और राजस्थान सरकार के प्रतिनिधियों ने भी फेसेलिटी फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए।
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