नई दिल्ली, 03 फरवरी (जनसमा)। राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के अनेक सदस्यों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की याद में मनाए जाने वाले ‘सद्भावना दिवस’ कार्यक्रम में से राजीव गांधी का नाम हटाए जाने पर आपत्ति की और सरकार से मांग की कि देश के लिए कुर्बानी देने वाले नेताओं इंदिरा गांधी, राजीव गांधी आदि के नामों को सरकारी योजनाओं से नहीं हटाया जाना चाहिए।
सभापति की अनुमति से यह मामला उठाते हुए छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की सदस्य छाया वर्मा ने कहा कि सद्भावना दिवस कार्यक्रम से राजीव गांधी का नाम हटाया जाना ठीक नहीं है। ‘मैं सरकार से मांग करती हूं कि पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से मनाए जाने वाले सद्भावना दिवस को सद्भावना के रूप में ही देखें और उसे मनाएं।’
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने राजीव गांधी का नाम हटाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के नाम का अपमान है। राजीव गांधी पूर्व प्रधानमंत्री थे और किसी भी योजना या दिवस के साथ जुड़े नाम को नहीं हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने देश के लिए कोई काम नहीं किया उनके नाम से वर्तमान सरकार योजनाएं चला रही है।
राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने जोर देकर कहा कि महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है, ऐसे नेताओं के नाम से शुरू की गई किसी भी योजना से उनका नाम नहीं हटाया जाना चाहिए।
आजाद ने कहा कि राजीव गांधी साधारण इंसान नहीं थे। उन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है। यह सरकार उन नेताओं के नाम से योजनाएं चला रही है जो कभी न तो संसद के सदस्य रहे, न सरकार में रहे और न ही जिनका कोई बड़ा राष्ट्रीय रोल रहा। यह ठीक नहीं है। उन्होंने मांग की कि सद्भावना दिवस से राजीव गांधी का नाम नहीं हटाया जाना चाहिए।
इससे पहले बीच में हस्तक्षेप करते हुए संसदीय मामले के मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि सरकार एक ही परिवार और पार्टी के नेताओं के नाम से योजनाएं नहीं चलता सकती। देश में हजारों ऐसे देशभक्त और स्वाभिमानी लोग हैं जिनके नाम से योजनाएं चलाई जा रही हैं।