Insects attack

बिहार के कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों का आक्रमण

बिहार कृषि विभाग (Bihar Agriculture Department) से प्राप्त सूचनानुसार  इन दिनों राज्य के कई जिलों में फसलों (Crops) को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों के आक्रमण (Insects attack) की सूवना मिली है।

इनमें  तनाछेदक(Stem borer) , सैनिक कीट ( soldier moth) , स्वार्मिग कैटर पीलर (swarming caterpillar) /शीथ ब्लाईट एवं शीथ राॅट जैसे कीट है।

तानाछेदक कीट का अग्र पंख पीलापन लिये हुए होता है, जिसके मध्य भाग में एक काला धब्बा होता है। कीट के पिल्लू तना के अंदर घुसकर मुलायम भाग को खाता है जिसके कारण गभ्भा सूख जाता है। बाद की अवस्था में आक्रान्त होने पर बालियाँ सफेद हो जाती है।

सैनिक कीट/स्वार्मिंग कैटर पीलर कीट समूह में फसल पर आक्रमण करती है एवं इसका आक्रमण रात में फसलों की पत्तियों या अन्य हरे भाग को किनारे से काटने से शुरू होता है जो काफी तेजी से कम समय में पूरे फसल को नष्ट कर देता है।

यह कीट-विषेषकर रात में ही नुकसान करता है एवं दिन में खेत में स्थित दरार मिट्टी के ढेलों, पुआल खरपतवार में छिप जाता है।

जिन क्षेत्रों में सैनिक कीट आक्रमण की संभावना हो या इसकी संख्या अधिक देखी जा रही हो उन क्षेत्रों में (1)क्लोरपायरीफाॅस 20 प्रतिशत ई0सी 2.5 मि0ली0 प्रति लीटर पानी (2) प्रोफेनोफाॅस 40 प्रतिशत$साइपरमेथ्रिन 4 प्रतिशत (3) क्लोरोपयरीफाॅस 50 प्रतिशत $साइपरमेथ्रिन 5 प्रतिशत का 1.5 मि0ली0 प्रति लीटर पानी (4) लेक्डासाइलोहेलेथ्रीन 5 प्रतिशत ई0सी का 1 मि0ली0 प्रति लीटर पानी अथवा (5) डायक्लोरभाॅस 76 प्रतिशत ई0सी का 1 मि0ली0 प्रति 2 लीटर पानी में किसी एक कीटनाशी का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

शीथ ब्लाईट (sheath blight ) कीट के आक्रमण (Insects attack) से बचाव के लिए खेत में जल निकास का उत्तम प्रबंध, करना चाहिए तथा कृषि अधिकारी(Agriculture officer)  से संपर्क कर दवाओं और कीटनाशकों के उपयोग के संबंध में जानकारी लेनी चाहिए।

वर्तमान में जिन कीटों ने आक्रमण (Insects attack) किया है वे अत्यंत नुकसानदायक हैं इसलिए किसानों को सलाह दीगई है कि वे फसलों को तुरंत  बचाने के उपाय करें।