Sanskrit _Dr Nishank

संस्‍कृत संस्‍थानों के पास के गांवों को संस्‍कृत भाषी बनाने पर जोर

मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने देश में संस्‍कृत संस्‍थानों  (Sanskrit Institutions) के आसपास के दो गांवों को संस्‍कृत (Sanskrit ) भाषी बनाने पर जोर दिया है।

उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इस भाषा को नई दिशा देने के लिए संस्‍कृत (Sanskrit )  के विद्धानों को लगाया जाएगा।

डॉ. ‘निशंक’ गुरूवार 13 जून,2019 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय भाषायी संस्थानों के प्रमुखों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

डॉ. ‘निशंक’ ने संस्कृत, हिंदी,उर्दू, सिन्धी, तमिल सहित भारतीय भाषाओं के लिए समर्पित संस्थानों को अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया । इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री  संजय धोत्रे जी भी मौजूद थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाओं को सशक्त करना हमारा लक्ष्य है इसके लिए रिक्त पदों को शीघ्रातिशीघ्र भरना हमारी प्राथमिकता होना चाहिए।

डॉ. ‘निशंक’ ने कहा कि संस्कृत (Sanskrit )  शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक प्रशिक्षित संस्कृत अध्यापकों की संख्या को बढ़ावा देने का लक्ष्य होना चाहिए ताकि संस्कृत भाषा को नया आयाम मिल सके।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से हम दुनिया तक संस्कृत (Sanskrit ) को पंहुचा सकते हैं।

डॉ. ‘निशंक’ ने कहा कि भारतीय भाषाओं के सहित्य को एक दूसरी भाषा में अनुवाद होना चाहिए ताकि सभी को श्रेष्ठ साहित्य उपलब्ध हो सके और राज्यों में आपसी तालमेल स्थापित हो सके।

केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि हिंदी प्रचारिणी सभाओं और स्थानीय भाषाओं के बीच में बेहतर समन्वय से सभी भारतीय भाषाओं का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।

मंत्री जी ने आने वाले वर्षों में एक भाषा भवन के निर्माण का लक्ष्य रखा जिसमे सभी भारतीय भाषाओं को संवर्धित करने वाले विभागों को एक साथ लाया जायेगा जिससे सभी भारतीय भाषाओं में बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकेगा।