दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल ने मुख्य सचिव को पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में स्पेशल पीपी नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने उन रिपोर्टों पर नाराजगी जाहिर की है जिसमें कहा गया है कि दिवंगत पत्रकार के माता-पिता की उपस्थिति के बाद भी अदालत में सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अनुपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह “बिल्कुल चौंकाने वाला” है और मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे सरकारी वकील को तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी करें, जिन्होंने सुनवाई को छोड़ दिया और कर्तव्य को गंभीरता से नहीं लिया है।
केजरीवाल ने कहा “यह मेरे संज्ञान में लाया गया है और सरकार इस मामले में विशेष लोक अभियोजक के रूप में एक अच्छे वकील की नियुक्ति सुनिश्चित करेगी। किसी भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार पीपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा” ।
मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को मामले में सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार ऐसे गंभीर मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है और ड्यूटी में किसी भी तरह की लापरवाही से सख्ती से निपटा जाएगा।
जो परिवार जघन्य अपराधों के कारण अपने निकट और प्रियजनों को खो देते हैं, उनकी कोई गलती नहीं होती है और उन्हें एक घिनौने और लापरवाह रवैये के कारण किसी और कठिनाई में नहीं डाला जा सकता है।
अभियोजन का प्रतिनिधित्व करने वालों से अपेक्षा की जाती है कि वे त्वरित न्याय सुनिश्चित करें ताकि इस तरह के जघन्य अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।
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