quarantine center

यूपी के हर जनपद में 15 से 25 हज़ार क्षमता के क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था के निर्देश

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद में 15 से 25 हज़ार क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर (quarantine center)  तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री जी आज 28 अप्रैल, 2020 को लखनऊ में लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन (Lockdown) व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री के  निर्देश इसप्रकार हैं :-

  • शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन (quarantine ) पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण कराके होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए।
  • मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैण्डम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए।
  • जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर (quarantine center) का निरीक्षण करें।
  • शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर (quarantine center)की फूडिंग लाॅजिंग व्यवस्था पर नजर रखी जाए।
  • शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।
  • प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
  • जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं।
  • ग्रीन जोन तथा ओरेंज जोन में जायज़ गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनायी जाए।
  • महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।
  • एल-1, एल-2 अस्पतालों में आक्सीजन की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए।
  • एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जाए।
  • एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स बढ़ाये जाएं।
  • सभी चिकित्सालयों में पीपीई किट तथा एन-95 मास्क की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
  • कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जाए।
  • टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए।
  • सभी टेस्टिंग लैब्स में पूल टेस्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए।
  • सैम्पल लेने वालों को प्रोटोकाॅल के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
  • टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के दृष्टिगत वैश्विक स्तर पर टेक्नोलाॅजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।
  • पुलिस द्वारा नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जाए।
  • हाॅटस्पाट क्षेत्रों में केवल स्वास्थ्य, सफाई तथा होम डिलीवरी से जुड़े कर्मी ही जाएं।
  • हाॅटस्पाट क्षेत्रों में सभी घरों को सेनेटाइज किया जाए।

उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों तथा अन्य डाॅक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डाॅक्टरों की व्यवस्था करें।

उन्होंने निर्देश दिये कि दूरभाष पर मरीजों को परामर्श देने वाले डाॅक्टरों की सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।

फाइल फोटो :