स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने शुक्रवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया और मरीजों की बढ़ती तादाद के मद्देनजर अस्पतालों को चौकस रहने को कहा।
जे पी नड्डा ने केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों के अधिकारियों और प्रमुखों को हालात पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया। सभी अस्पतालों को निर्देश दे दिये गए हैं कि वायु प्रदूषण के परिणामस्वरूप मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
अस्पतालों से कहा गया है कि वे नेब्यूलाइजर और अन्य आवश्यक उपकरणों को दुरुस्त रखें, ताकि किसी भी आपात स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहा जाए।
समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि हर दिन सांस लेने में दिक्कत तथा सांस के विभिन्न रोगों के मामले सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और आसपास के इलाकों में हाल में बढ़ा हुआ वायु प्रदूषण स्तर चिंता का विषय बना हुआ है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च वायु प्रदूषण स्तर से रोग बढ़ते हैं तथा हृदयाघात, हृदयरोग, फेफड़ों का कैंसर और अस्थमा सहित सांस संबंधी गंभीर बिमारियां हो सकती हैं। उनका कहना है कि अल्पकालीन समय के दौरान उच्च वायु प्रदूषण स्तर सांस के रोगों को गंभीर बना सकता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी से उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर रखे है। नागरिकों के लिए स्वास्थ्य एडवाइजरी भी जारी की गई है। 9 नवंबर, 2017 को अवर सचिव संजीव कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज तथा संबंधित अस्पतालों सहित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने शिरकत की थी।
बैठक में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया था। संजीव कुमार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बढ़े हुए वायु प्रदर्शन से उत्पन्न स्थिति के प्रभाव की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।
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