हैदराबाद, 8 सितम्बर | नवोन्मेष और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए इंटेल इंडिया ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के साथ मिलकर गुरुवार को ‘डिजिटल इंडिया चैलेंज 2.0’ की शुरुआत की। माईगॉव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवी) और हैदराबाद की टी-हब फाउंडेशन ने मिलकर इस साल की प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इस साल प्रतिभागियों को डिजिटाजेशन को बढ़ावा देनेवाले इंटेल आर्किटेक्चर (आईए) पर आधारित वाणिज्यिक समाधान प्रस्तुत करने की चुनौती दी गई है।
इस बारे में तेलंगाना के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री के. टी. रामा राव ने कहा, “इस प्रकार के सार्वजनिक-निजी भागीदारी को देखना खुशी की बात है जो इंटेल इंडिया, एमईआईटीवाई, माई गॉव और टी हब के बीच हुआ है। यह देश में दीर्घकालिक नवोन्मेष की संस्कृति को बढ़ावा देगा।”
इस साल यह प्रतियोगिता 5 चरणों में होगी और इसका अंतिम राउंड अप्रैल 2017 में होगा।
चुनी गए दलों में से प्रत्येक को 3 लाख का अनुदान मुहैया कराया जाएगा, ताकि इंटेल आर्किटेक्चर पर आधारित न्यूनतम व्यावहार्य उत्पाद (एमवीपी) हैदराबाद के टी-हब इंकूबेटर में एक्सेलेटर कार्यक्रम के तहत बना सकें।
इसमें जीतनेवाले दल को आगे के विकास के लिए 20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
माईगॉव के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने बताया, “पिछले साल इस प्रतियोगिता के तहत छह आईडिया पर काम किया गया, जो आज भारतीय स्वास्थ्य सेवा और कृषि क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।”
इंटेल दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष (बिक्री और विपणन) देबजानी घोष ने बताया, “डिजिटल इंडिया विजन को साकार करने में नवोन्मेष एक महत्वपूर्ण घटक है। देश की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें स्थानीय सतत नवाचार तंत्र की आवश्यकता है।” –आईएएनएस
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