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भारत के खुफिया उपग्रह के अनुसार चीन ने तिब्बत में भी जुटा रखी है सेना

नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स.)। अन्तरिक्ष में घूम रहे भारत के खुफिया उपग्रह इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सेटेलाइट (electronic intelligence satellite ‘Emisat’) ने खुलासा  किया है कि चीन(China)  ने पूर्वी लद्दाख की सीमा के अलावा अपने कब्जे वाले तिब्बत (Tibet) में भी अपनी सेना (troops) जुटा रखी है।
भारत का यह खुफिया उपग्रह (intelligence satellite ) पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश के पास स्थित चीनी सेना के कब्जे वाले तिब्बत के ऊपर से गुजरा तो चीन में हड़कंप मच गया। इस अन्तरिक्ष जासूस ने अच्छी खासी जानकारी जुटाकर भारत को दी है।
पूर्वी लद्दाख की सीमा पर मई के बाद से चीन की हरकतें भारत के खिलाफ बढ़ रही हैं। भारत और चीन के बीच एलएसी पर कई जगहों को लेकर तनाव की स्थिति है। अब चार दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ताएं हो चुकी हैं। इनमें सहमति जताने के बाद भी चीन एलएसी पर भारतीय क्षेत्र के चार विवादित क्षेत्रों में से पैंगोंग झील और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया से पीछे हटने को तैयार नहीं है, बल्कि मई के बाद 30 हजार से अधिक सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती में वृद्धि हुई है।
चीन ने डेप्सांग सेक्टर में भी अपने सैनिक जुटाए हैं। खुफिया उपग्रह (intelligence satellite ) की तस्वीरों में चीनी सैनिकों को एलएसी के पास गड्ढा खोदते देखा गया है। पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग मैदानी क्षेत्र, पैंगोंग झील और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया के विवादित मुद्दों को लेकर भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तरीय पांचवें दौर की बैठक अगले सप्ताह होगी।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि भारत का खुफिया उपग्रह (intelligence satellite ) हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के पास स्थित तिब्बत के उस हिस्से के ऊपर से गुजरा है, जो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कब्जे में है। इस अन्तरिक्ष जासूस ने अच्छी खासी जानकारी जुटाकर भारत को दी है।
भारत का यह खुफिया उपग्रह (intelligence satellite )दुश्मन के क्षेत्र में रेडियो और रडार के सिग्नल पढ़कर जानकारी जुटा लेता है। जासूस सेटेलाइट तिब्बत के ऊपर से गुजरने पर चीन में हड़कंप मच गया है। इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्टम ‘कौटिल्य’ लगा हुआ है, जिसकी खूबी है कि वह रक्षा क्षेत्र की अहम जानकारियां जुटा सकता है।
इससे पहले भी भारत के इस खुफिया उपग्रह (intelligence satellite ) ने पाकिस्तान नेवी के ओर्मारा बेस (जिन्ना नवल बेस) के ऊपर चक्कर लगाया था। इस बेस पर चीन के सहयोग से पाकिस्तान ने पनडुब्बियां जुटा रखी हैं। भारत और चीन के बीच जारी वार्ता के बीच आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर आगामी सर्दियों तक भारत के खिलाफ कश्मीर और लद्दाख में दोहरी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।
अंतरिक्ष में भारत की ‘आंख और कान’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने अंतरिक्ष में भारत की ‘आंख और कान’ के रूप में 01 अप्रैल, 2019 को सुबह 9.44 मिनट पर इलेक्ट्रॉनिक खुफिया उपग्रह (intelligence satellite ) को उसकी कक्षा में स्थापित किया था। इसके साथ ही पीएसएलवी सी-45 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दूसरे देशों के 28 उपग्रह भी भेजे गए थे जिनमें अमेरिका के 24, लिथुआनिया के दो और स्पेन तथा स्विट्जरलैंड के एक-एक उपग्रह थे।
इसरो के मुताबिक विद्युत चुंबकीय स्‍पेक्‍ट्रम को मापने वाले 436 किलोग्राम वजनी EMISAT को बनाने में वैज्ञानिकों को करीब 8 वर्ष लगे। इसे डीआरडीओ की हैदराबाद लैब ने ‘प्रॉजेक्‍ट कौटिल्‍य’ के तहत बनाया है। इसमें रडार की ऊंचाई नापने वाली डिवाइस लगी है।
इस खुफिया उपग्रह (intelligence satellite ) की सबसे बड़ी खासियत सिग्‍नल की जासूसी करना है। यह सैकड़ों किलोमीटर की ऊंचाई पर रहते हुए भी जमीन पर संचार प्रणालियों, रडार और अन्‍य इलेक्‍ट्रानिक उपकरणों के सिग्‍नल पकड़ लेता है। यह जासूसी उपग्रह जमीन पर स्थित बर्फीली घाटियों, बारिश, तटीय इलाकों, जंगल और समुद्री की लहरों को भी आसानी से नापने की क्षमता रखता है।
इसी खुफिया उपग्रह (intelligence satellite ) की मदद से भारत ने कुछ दिन पहले 300 किमी दूर अंतरिक्ष में अपने एक लाइव सेटलाइट को मिसाइल से मार गिराकर अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्‍तान को संदेश दिया था कि वह अंतरिक्ष में किसी भी दुस्‍साहस का जवाब देने में सक्षम है।