जम्मू, 4 नवंबर | पाकिस्तान सेना की ओर से हालांकि शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी संघर्षविराम का उल्लंघन नहीं हुआ, फिर भी जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर असहज शांति है। सीमावर्ती गांव खाली पड़े हैं और स्कूल बंद हैं। पुलिस के मुताबिक, “आज (शुक्रवार) दूसरे दिन पाकिस्तानी सेना ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का उल्लंघन नहीं किया।”
कुछ पुरुष सदस्यों ने हालांकि अपने खाली घरों और खेतों का जायजा दिन में लिया, पर उनके परिवार अभी गांव में नहीं लौटे हैं।
सीमावर्ती गांवों के स्कूल गोलाबारी की वजह से बंद हैं।
प्रशासन ने जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में अंतर्राष्ट्रीय के पास 174 स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
Union Minister for Defence Manohar Parrikar interacts with soilders in frontier area of Uri, Jammu And Kashmir on Nov 2, 2016. (Photo: IANS)
बताया जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से होने वाली गोलाबारी से 400 स्कूल प्रभावित हुए हैं।
भारतीय सेना का कहना है कि जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना की चार सीमावर्ती चौकियों को नष्ट कर दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में मुस्तैद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कहा कि वे पहले ही बुधवार को 14 पाकिस्तानी सीमा चौकियों को धवस्त कर चुके हैं।
बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान रेंजर्स इन चौकियों का इस्तेमाल रिहायशी क्षेत्रों में गोलाबारी के लिए किया करते थे।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे आर.एस.पुरा, अरनिया, सुचेतगढ़, अखनूर, रामगढ़ और अन्य कई सेक्टरों में पाकिस्तान की सेना द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के कारण यहां के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
स्थानीय लोग शांति चाहते हैं, ताकि वे अपने घर लौट सकें और फसलों की कटाई कर सकें।–आईएएनएस
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