भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का 28 नवम्बर, 2018 को गोवा के तेलीगांव स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में जर्मन फिल्म “शिल्ड लिप्स ” के वर्ल्ड प्रीमियर के साथ शानदार समापन हुआ।
समारोह में रूस और युक्रेन की फिल्म “डोनबास” को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का स्वर्ण मयूर पुरस्कार प्रदान किया गया है।
जाने-माने पटकथा लेखक सलीम खां को जीवन भर की उपलब्धियों के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके पुत्र अरबाज खां ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
इस समारोह में पिछले 9 दिनों में 67 देशों की 220 से अधिक फिल्में दिखाईं गई।
समारोह की शुरूआत अंग्रेजी फिल्म “द एस्पर्न पेपर्स ” के वर्ल्ड प्रीमियर के साथ हुई थी।
भारतीय पेनोरामा वर्ग में 26 फीचर फिल्में और 21 गैर-फीचर फिल्में दिखाईं गई, हालांकि इस वर्ष केन्द्र बिन्दु में इजराइल, झारखंड प्रमुख राज्य था।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा वर्ग में, 15 फिल्में दिखाई गईं जिनमें से तीन भारतीय थी।
इस वर्ष वर्ल्ड पेनोरामा वर्ग में 15 फिल्में पेश की गई जो सम्बद्ध देशों से ऑस्कर के लिए गई थी।
समारोह केलीडोस्कोप वर्ग में 20 आलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय फिल्में थी जिनमें से अधिकतर पुरस्कार विजेता फिल्में थीं।
वर्ल्ड पेनोरामा वर्ग में 67 फिल्मों को शामिल किया गया जिन्हें समारोह के लिए विशेष रूप से चुना गया था। इनमें 4 वर्ल्ड प्रीमियर, 2 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 15 एशिया प्रीमियर और 60 इंडिया प्रीमियर शामिल है।
समापन समारोह में केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के.जे.एल्फोन्स, गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा,पंजाब के राज्यपाल वी.पी.सिंह बदनौर, केन्द्रीय मंत्री श्रीपद नाइक, गोवा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग मंत्री विजय सरदेसाई, सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव अमित खरे भी मौजूद थे।
भारतीय सिनेमा से जुडी हस्तियां अनिल कपूर, रकूल प्रीत, चित्रांगदा सिंह, डायना पेंटी और कीर्ति सुरेश ने समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर चार चांद लगा दिए।
अनेक जानेमानी फिल्मी हस्तियाँ जैसे आईएफएफआई, 2018 के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार विजेता डेन वोलमेन, सांसद मनोज तिवारी, अनिल कपूर, अरबाज खान (पटकथा लेखक सलीम खान के पुत्र) भारतीय पेनोरामा ज्यूरी के प्रमुख राहुल रवैल, राकेश ओम प्रकाश मेहरा और कबीर बेदी ने भी समारोह में हिस्सा लिया।
49वें समारोह को एक महान सफलता बताते हुए खरे ने कहा कि फिल्म बाजार को दुनिया के विभिन्न देशों से शानदार प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि देशों में समारोह का केन्द्र बिन्दु इज़राइल और झारखंड प्रमुख राज्य था।
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि अगले वर्ष के स्वर्ण जयंती समारोह की तैयारी शुरू हो चुकी है, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव ने कहा कि सरकार देश के प्रत्येक क्षेत्र की फिल्म संस्कृति और आईएफएफआई के पहले से लेकर 49वें समारोह तक के इतिहास की रूपरेखा प्रस्तुत करना चाहेगी।
उन्होंने कहा कि फिल्म प्रेमियों से प्राप्त जबरदस्त प्रतिक्रिया को देखते हुए गोवा में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
खरे ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि 50वें आईएफएफआई में इस वर्ष की तुलना में काफी अधिक प्रतिनिधि शामिल हों।
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य को आईएफएफआई के केन्द्र बिन्दु में रखा गया।
प्रमुख इजराइली फिल्म निर्माता डेन वोलमेन को उद्घाटन समारोह में लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस वर्ष आईएफएफआई के एक अन्य नए वर्ग में खेलों इंडिया पहल के विस्तार के रूप में छह भारतीयों के जीवन पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
अनेक फिल्मी हस्तियों ने प्रतिनिधियों से बातचीत की। दो फिल्मों शोले और हिचकी को इस वर्ष के आईएफएफआई में देखने में अक्षम व्यक्तियों के लिए विशेष पैकेज के रूप में दिखाया गया।
समारोह की अन्य विशेषता इंगमार बर्जमेन के जन्मशती समारोह से जुड़े वर्ग का था। अगले संस्करण में भारत के प्रमुख फिल्म समारोह की 50वीं जयंती मनाएगी।
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