भोपाल में 22 और 23 फरवरी को हैप्पीनेस इंडेक्स के संबंध में एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला गुरूवार, 22 फरवरी को प्रात: 10 बजे होटल जहांनुमा पैलेस में प्रारंभ होगी। कार्यशाला के प्रतिभागी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी भेंट करेंगे।
देश में सबसे पहले आनंद विभाग गठित करने वाली मध्यप्रदेश सरकार ने आनंद विभाग की गतिविधियों का निरंतर विस्तार करते हुए एक अभिनव पहल की है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के सहयोग से हो रही इस कार्यशाला में भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, दुबई, कनाडा एवं अन्य देशों के विशेषज्ञ भी भागीदारी कर रहे हैं।
राज्य आनंद संस्थान ने आईआईटी खड़गपुर के साथ आनंद के पैमानों की पहचान, लोगों को आनंदित करने की विधियों और उपकरणों के विकास के लिए अनुबंध किया है।
हैप्पीनेस इंडेक्स कार्यशाला में पहले दिन दो सत्र और दूसरे दिन समापन के पूर्व दो सत्र होंगे। कार्यशाला में मुख्य रूप से अपर मुख्य सचिव आनंद विभाग इकबाल सिंह बैंस, राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनोहर दुबे, प्रोफेसर राज रघुनाथन (यूएसए), डॉ. डेविड जोंस (दुबई), राज्य निर्वाचन आयुक्त आर.परशुराम, आयआयटी खड़गपुर से प्रो. एम.के. मंडल के अलावा प्रो. पी.पटनायक, प्रो. पी. मिश्रा, प्रो. जे.मुखर्जी, सुश्री जुनमोनी, गिरजा एवं अन्य प्रतिभागी हिस्सा लेंगे।
अन्य सत्र में प्रो. प्रतीप नायक, डॉ. सम्दु चेत्री, सुश्री राधिका पुंशी, प्रो. पूर्णिमा सिंह, प्रो. आर.सी.त्रिपाठी, प्रो. रेखा सिंघल, प्रो.एस.एस.रेखी, प्रो. लीलावती क़ृष्णन, प्रो. जनक पाण्डेय, प्रो. कमलेश सिंह, प्रो. विजय कुमार श्रोत्री, राजुल अस्थाना, अखिलेश अर्गल, प्रो. गणेश बागड़िया, प्रो. आर.एस. पिल्लई, प्रो. पी. मिश्रा, विश्वपति त्रिवेदी, प्रो. राजशेखरन पिल्लई भागीदारी करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में हैप्पीनेस के स्तर के निर्धारण के लिए विभिन्न उपायों पर कार्य प्रारंभ किया गया है। भूटान एवं अन्य देशों में भौतिक सुविधाओं में वृद्धि के कारण प्रसन्नता के स्तर को बढ़ाने पर कार्य हुआ है, वहीं मध्यप्रदेश में एक मौलिक पद्धति का अनुसरण करते हुए बाह्य और आंतरिक प्रसन्नता में वृद्धि के साधनों पर विचार करते हुए गतिविधियों को संचालित किया गया है।
भोपाल में हो रही कार्यशाला इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि जहां अन्य देशों में अपनाए गए खुशी के पैमानों का उपयोग करते हुए अपने पृथक पैमाने निर्धारित कर आम लोगों के जीवन में खुशी के स्तर को बढ़ाने की तैयारी की गई है।
इस क्षेत्र में अन्य देशों में किए गए कार्यों के अनुभवों का लाभ लेते हुए मध्यप्रदेश में पूर्व में भी आनंद संस्थान ने विभिन्न कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया गया है।
इनमें आनंदक के रूप में नागरिकों की सेवाएं लिए जाने, अल्प विराम कार्यक्रम, आनंदम गतिविधि – जिसमें लोगों द्वारा कम से कम सुविधा लेते हुए अन्य सामान दूसरे लोगों के लिए त्यागने, सात हजार से अधिक स्थानों पर आनंद उत्सव, आनंद कैलेण्डर छापने, आनंद शिविर लगाने, आनंद क्लब बनाने, आनंद सभा शुरू करने, ईशा फाउंडेशन और अन्य संस्थानों में प्रशिक्षण के लिए शासन के व्यय पर अधिकारियों और कर्मचारियों को भेजने की गतिविधि भी शामिल है।
दो दिवसीय कार्यशाला इस दिशा में एक अनूठी पहल है जो मध्यप्रदेश में नागरिकों में आनंद के अनुभव में वृद्धि के लिए नए ठोस प्रयासों को मूर्त रूप देने का आधार बनेगी।
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