मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि अगर किसी निवेशक (investor) के पास जमीन है तो उसे किसी प्रकार की औपचारिक स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
स्व-प्रमाणन ही पर्याप्त माना जाएगा। प्रदेश के प्रति निवेशकों (investors)का विश्वास पैदा करने के लिए ऐसे कई कदम उठाए गए हैं जिससे वे निवेश लगाने के लिए उत्साहित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैग्नीफिसेंट एमपी के बाद अब हम सेक्टर वाइज गोलमेज कान्फ्रेंस करेंगे और इसकी शुरूआत फार्मास्युटिकल कम्पनियों के साथ होगी क्योंकि मध्यप्रदेश में इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ हैं और इसे विकसित करने के लिए संसाधन उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि दिखावे के लिए एमओयू की सोच से अलग हटकर हमारा लक्ष्य है कि इस आयोजन के जरिए जो भी निवेश (Investment) आया है वह जब तक हकीकत में साकार नहीं होगा तब तक हम इसे सफल नहीं मानेंगे।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में मंदी का दौर है लेकिन मध्यप्रदेश में इसका कोई प्रभाव नहीं हुआ।
नाथ 18 अक्टूबर,2019 को इन्दौर में सम्पन्न मैग्नीफिसेंट एम.पी. (Magnificent MP) आयोजन के बाद पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पहले ही यह तय किया था कि मध्यप्रदेश की एक पहचान बनें। निवेशकों (investors)के बीच विश्वास पैदा हो और एक जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई कम्पनियों ने निवेश के प्रति रूचि दिखाई है और किसी ने 1200 करोड़, किसी ने वन मिलियन डॉलर का निवेश करने का वादा किया है लेकिन हम इन आंकड़ों को तब तक मैग्नीफिसेंट एमपी के साथ नहीं देखना चाहते हैं जब तक कि यह जमीन पर साकार न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मध्यप्रदेश में निवेश (investment) को माँग कर नहीं लाना चाहते हैं बल्कि लोग आकर्षित हो, पहल करें, ऐसा वातावरण तैयार करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पिछले साढ़े सात माह के कार्यकाल में निवेश अनुकूल जो वातावरण बना है उसकी उपलब्धि यह है कि आईटी क्षेत्र की ऐसी कई कम्पनियाँ जो माईग्रेट होकर बैंगलुरु चली गई थी वे अब वापस मध्यप्रदेश आना चाहती है।
इसी तरह जापान से जेट्रो कम्पनी आई। उनसे मेरी मध्यप्रदेश में जापानी पार्क बनाने की बात हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के त्रिपुर में गारमेंट का 30 हजार करोड़ का व्यापार है वहाँ के कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों ने मध्यप्रदेश में भी गारमेंट के क्षेत्र में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है।
मैग्नीफिसेंट एमपी के आयोजन में कई निवेशक (investor) ऐसे आए हैं जिन्होंने न कभी मध्यप्रदेश देखा और न ही वो यहाँ आए। हमारी सफलता यही है कि हम निवेशकों का भरोसा हासिल करने में सफल हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े सात माह के दौरान औद्योगिक क्षेत्र की कई ऐसी परेशानियाँ, शिकायतें हमारे सामने आई जिनका समाधान बहुत आसान था लेकिन कई वर्षों से उन तकनीकी दिक्कतों के कारण निवेश का विस्तार नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे प्रदेश में स्थापित कोई उद्योग अपनी आवंटित जमीन पर अन्य विस्तार करना चाहता है तो उसे इस बात की अनुमति नहीं थी, इस प्रतिबंध को हमने समाप्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि एक नीति बनाने से निवेश नहीं आता। हर उद्योग की अपनी-अपनी आवश्यकताएँ हैं, सुविधाएँ हैं, समस्याएं है जिनका निदान एक नीति से नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में आर्थिक क्षेत्र में नकारात्मक भाव के कारण भयानक मंदी का दौर है लेकिन मध्यप्रदेश इस दुष्प्रभाव से सिर्फ इसलिए बचा है क्योंकि हम सकारात्मक भाव के साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम आने वाले समय में अपनी नीतियों और प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों से प्रदेश में निवेश का एक नया इतिहास बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मध्यप्रदेश का अगले पाँच साल का विकास का एक ऐसा नक्शा बना रहे हैं, जो समयबद्ध कार्यक्रम पर आधारित होगा और जिसमें हर माह, हर साल, हर दिन की प्रगति रेखांकित होगी। निवेश राजनीति से ऊपर होगा। हमारी सफलता तभी होगी जब जनता से हमें इसका प्रमाण-पत्र मिलेगा।
Follow @JansamacharNews