इंफाल, 9 अगस्त | इरोम शर्मिला ने मंगलवार को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफ्सपा) के खिलाफ 16 साल लंबा अनशन तोड़ दिया। उन्होंने राजनीति में शामिल होने के इरादे की घोषणा की। चिकित्सकों ने इरोम की नाक से वह नली निकाल दी, जिसके माध्यम से साल 2000 से उन्हें लिक्विड फूड दिया जा रहा था। मणिपुर में अफ्सपा के विरोध में वह बीते 16 साल से अनशन पर थीं।
इससे पहले राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने मंगलवार को यहां एक अदालत में कहा कि वह अपना 16 साल पुराना अनशन तोड़ेंगी। शर्मिला (42) ने इंफाल पश्चिम में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एल.टोनसिंग के समक्ष कहा कि वह संवाददाताओं से भी बात करना चाहती हैं।
इसके बाद अदालत ने उनसे कहा कि जमानत बांड भरने के बाद वह जो चाहे कर सकती हैं।
शर्मिला ने कई अन्य लोगों की ओर से अनशन नहीं तोड़ने की अपील खारिज कर दी।
अधिकारियों ने बताया कि उनके इस फैसले से उन्हें उग्रवादियों से खतरे की आशंका को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराई है।
शर्मिला ने गत 26 जुलाई को अदालत में कहा था कि उन्होंने नौ अगस्त को अनशन तोड़ने की योजना बनाई है। वह चुनाव लड़ेंगी और शादी भी करेंगी।
फाइल फाटो ईरोम शर्मिला
उन्होंने इंफाल पश्चिम में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में यह भी कहा कि वह शादी करेंगी और अगले साल मणिपुर विधानसभा का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगी।
मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ के नाम से मशहूर शर्मिला ने सुरक्षा बलों के हाथों 10 आम नागरिकों की मौत के विरोध में 16 साल पहले नवंबर 2000 को अनशन शुरू किया था। इसके बाद से उन्हें नाक के जरिये जबरन तरल खाद्य पदार्थ व पानी दिया जा रहा है।
मणिपुर सरकार ने उन्हें उसी साल आत्महत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि उन्होंने हमेशा यह कहते हुए खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया कि वह अनशन को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं।
अभियोजन पक्ष जब आरोप साबित करने में विफल रहा तब मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 29 फरवरी, 2016 को उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। लेकिन उनके फिर से अनशन पर बैठ जाने के कारण उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया था।–आईएएनएस
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