चेन्नई, 05 जून (जनसमा)। देश का सबसे बड़ा रॉकेट यानी भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान-मार्क 3 (जीएसएसवी-मार्क 3) सोमवार शाम को लांच होगा। इसकी उल्टी गिनती जारी है। यह अपने साथ तीन टन वजनी संचार उपग्रह ले जाएगा। इसरो के एक वैज्ञानिक ने बताया कि जीएसएसवी-मार्क 3 शाम 5.28 बजे जीसैट-19 के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा। इसकी उल्टी गिनती रविवार को 3.58 बजे से शुरू हुई थी और यह ‘सामान्य रूप से चल रही’ है।
फाइल फोटो : इसरो जीएसएलवी। (आईएएनएस)
अधिकारियों के अनुसार, “मौसम साफ है। हमें नहीं लगता कि इसके कारण कोई भी समस्या होगी। सभी वैज्ञानिक इस प्रणाली को ठीक से काम करते हुए देखने के लिए उत्साहित हैं। यह एक नया वाहन है, इसलिए इसकी कार्यप्रक्रिया को पहली बार देखना उत्साहपूर्ण है। यह अपने बच्चे को पहली बार चलते हुए देखने जैसा है।”
अधिकारियों ने कहा कि यह रॉकेट 640 टन वजनी और 43.43 मीटर लंबा है। इसे यहां से करीब 105 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में भारत के रॉकेट बंदरगाह के दूसरे लॉन्च पैड से छोड़ा जाएगा। यह 3,136 किलोग्राम वजनी जीसैट-19 संचार उपग्रह को अपने साथ लेकर जा रहा है, जो भारतीय रॉकेट से लॉन्च अब तक का सबसे भारी उपग्रह है।
अब तक 2,300 किलो से ज्यादा वजन वाले संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इसरो को विदेशी प्रक्षेपकों पर निर्भर रहना पड़ता था। जीएसएलवी-मार्क 3 भूस्थतिक कक्षा में 4000 किलो तक के और पृथ्वी की निचली कक्षा में 10,000 किलो तक के पेलोड (या उपग्रह) ले जाने की क्षमता रखता है।
इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा था कि यह अभियान अहम है क्योंकि ‘देश से प्रक्षेपित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है।’ इससे पहले इसरो ने 3,404 किलो के संचार उपग्रह जीसैट-18 को फ्रेंच गुयाना स्थित एरियाने से प्रक्षेपित किया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, “जीसैट-19 एक बहुतरंगी उपग्रह है, जो का और कू बैंड वाले ट्रांसपोंडर्स अपने साथ लेकर जाएगा।”
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