सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी), श्रीहरिकोटा से बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के जियोसिनक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हेकिल (जीएसएलवी-एफ 11) ने सफलतापूर्वक जीसैट-7ए को लांच कर दिया।
जीसैट-7ए इसरो का 39वां भारतीय संचार उपग्रह है, जो भारतीय क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को क्यू-बैंड में सेवाएं प्रदान करेगा। वर्ष 2018 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह इसरो का 7वां अभियान है। यह जीएसएलवी-एमकेII का 13वां प्रक्षेपण है।
लांच के समय इसरो के अध्यक्ष डॉ. के सिवान के नेतृत्व में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. सोमनाथ, यूआर राव उपग्रह केंद्र के निदेशक पी. कुन्हीकृष्णन, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक डी. के. दास, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. पांडियन, द्रव नोदन प्रणाली केंद्र के डॉ. वी. नारायणन और इसरो नोदन परिसर के निदेशक टी. मूकियाह भी उपस्थित थे।
ये सभी इसरो की टीम में शामिल थे। उनके साथ मिशन निदेशक मोहन एम. और उपग्रह निदेशक किलेदार पंकज दामोदर ने भी लांच गतिविधियों को देखा।
लांच के बाद डॉ. सिवान ने कहा कि उनकी टीम ने जीसैट-7ए को लांच करके एक और शानदार उपलब्धि हासिल कर ली है।
उन्होंने कहा कि पिछले 35 दिनों में इसरो ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 3 अभियानों को लांच किया है।
उन्होंने बताया कि 14 नवम्बर को जीएसएलवी एमकेIII-डी2, 29 नवम्बर को पीएसएलवी-सी43 और अंत में 19 दिसंबर को जीएसएलवी-एफ11 को लांच किया गया।
डॉ. सिवान ने कहा कि जीसैट-7ए अंत्यत भारी उपग्रह है जिसे जीएसएलवी ने अपने द्वारा घरेलू स्तर पर विकसित क्रायोजेनिक इंजन से लांच किया।
उल्लेखनीय है कि जीसैट-7ए इसरो का 39वां भारतीय संचार उपग्रह है, जो भारतीय क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को क्यू-बैंड में सेवाएं प्रदान करेगा। वर्ष 2018 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह इसरो का 7वां अभियान है। यह जीएसएलवी-एमकेII का 13वां प्रक्षेपण है।
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