राज्य सभा के सेवानिवृत सदस्यों को विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अच्छा होता आप जाने से पहले कोई महत्वपूर्ण निर्णय में बहुत ही उत्तम प्रकार की भूमिका निभा करके आखिर-आखिर में कोई उत्तम चीजें छोड़ करके जाने का अवसर मिल गया होता तो आपको एक विशेष संतोष होता। लेकिन शायद इस सदन का ही कारण रहा कि आप उस सौभाग्य से वंचित रह गए।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं शायद आप में से बहुत लोग होंगे जिन्होंने सोचा होगा कि जब आखिरी सत्र होगा तो ये विषय मैं उठाऊंगा, मैं ऐसी तैयारी करके जाऊंगा कि जाते-जाते एक बड़ा ऐतिहासिक भाषण करके जाऊं, मैं ऐसे विचार रख करके देश के लिए कुछेक महत्वपूर्ण काम के अंदर अपना योगदान दे करके जाऊं, लेकिन शायद वो सौभाग्य जाते-जाते आप लोगों को नहीं मिला। उसके लिए यहां की जिम्मेदारी नहीं है, यहां से यहां तक हम सबकी जिम्मेदारी है कि आपको ऐसे ही जाना पड़ रहा है।
साभार : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टीवी फोटो एआईआर
मोदी ने कहा कि भारत जिनके लिए गर्व करता है, ऐसे खिलाड़ी श्रीमान दिलीप जी और सचिन जी, ये दो भी आने वाले दिनों में हमारे बीच में, उनका लाभ हमें नहीं मिल पाएगा। प्रोफेसर कुरियन साहब को हमेशा लोग याद करेंगे। उनका हंसता हुआ चेहरा हमेशा, और सीखना चाहिए कि बात तो वही बतानी है लेकिन हंसते हुए बतानी है, उनकी विशेषता रही और उसी के कारण संकट की घड़ी में भी सदन को ठीक से चलाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ट्रिपल तलाक जैसे महत्वपूर्ण निर्णय जो हिन्दुस्तान के आने वाले इतिहास में बहुत बड़ी भूमिका अदा करने वाले हैं, उसका निर्णय करने की प्रक्रिया से आप वंचित रह गए। जो वापिस आए हैं उनको तो सौभाग्य मिलेगा लेकिन जो जा रहे हैं उनको शायद इस ऐतिहासिक महत्वपूर्ण फैसले से वंचित रहना पड़ा, उसका भी कुछ न कुछ तो मन में कसक, आज नहीं तो दस साल, बीस साल, पच्चीस साल बाद जरूर रहेगी, ऐसा मैं मानता हूं। लेकिन अच्छा होता ये सारी चीजें हम कर पाते।
मोदी ने कहा कि मैं फिर एक बार जो सभी माननीय, आदरणीय सदस्यगण जा रहे हैं, उनको शुभ कामनाएं देता हूं।
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