मंडी (हिमाचल प्रदेश), 13 मई (जनसमा)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले के लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न्यूमोनिया की रोकथाम के लिए न्यूमोकोकल कंजुगेट टीका जारी किया। 90 प्रकार के न्यूमोनिया बैक्टीरिया से संक्रमण की कई गंभीर समस्याएं होती हैं।
एक समारोह में भारत सरकार के देशव्यापी प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत बच्चों को न्यूमोकोकल बीमारियों से बचाने के लिए टीके को लॉन्च करते हुए नड्डा ने कहा, “हमारी सरकार की यही प्रतिबद्धता तथा लक्ष्य है कि देश में किसी भी बच्चे की मौत उन बीमारियों से न हो, जिनका बचाव टीकाकरण के माध्यम किया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “हम बच्चों की मौतों की संख्या कम करने तथा हमारे बच्चों को स्वस्थ भविष्य प्रदान करने के प्रति कटिबद्ध हैं।”
न्यूमोकोकल टीके की लॉन्चिंग को देश के प्रतिरक्षण कार्यक्रम में एक बड़ा कदम बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देश में बच्चों में रोग और उनकी मौतों को कम करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से प्रतिरक्षण को मजबूती प्रदान करना भारत के बच्चों में एक अनिवार्य निवेश है और यह देश का स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करेगा।
पहले चरण में जे पी नड्डा ने ये टीका समूचे हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के छह और बिहार के 17 जिलों में जारी किया जिससे 21 लाख बच्चों को को लाभ होगा। इसके बाद अगले साल इसे मध्य प्रदेश व राजस्थान में शुरू किया जाएगा और अंतत: चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में सभी बच्चों को दिया जाएगा।
इस वैक्सीन से 13 प्रकार के न्यूमोनिया बैक्टीरिया से बचाव होगा। जोकि न्यूमोनिया की बीमारी का कारण बनते हैं। ये 12वीं ऐसी बीमारी है जिसके खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन जारी की है। न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन बच्चों को स्टेप्टोकोकस निमोनिया जीवाणु से होनी वाली गंभीर बीमारियों जैसे निमोनिया तथा मेनिनजाइटिस से सुरक्षा प्रदान करता है।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने समग्र प्रतिरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। नड्डा ने कहा, “इन टीकों तक पहुंच उन्हीं लोगों की हो पाती थी, जो इस पर होने वाले खर्च को वहन करने में सक्षम थे, लेकिन यूआईपी के तहत इन सबको मुहैया कराकर सरकार इसकी पहुंच उन लोगों तक सुनिश्चित कर रही है, जिन्हें इनकी सर्वाधिक जरूरत है।” उन्होंने कहा कि ये सभी टीके केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में निजी क्षेत्रों में कई वर्षो से उपलब्ध थे।
(फाइल फोटो)
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