जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का शनिवार सुबह दिल्ली में देहांत हो गया। वह 51 साल के थे और कुछ दिनों से बीमार थे।
जैन समाज का कहना है कि उन्होंने संथारा ले लिया था। इसके मायने यह है कि स्वेच्छा से देह त्यागना।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्विटर संवेदना संदेश में कहा है कि मुनी तरुण सागर जी महाराज के असामयिक निधन से गहरी पीड़ा हुई है। हम उन्हें हमेशा अपने समृद्ध आदर्शों, करुणा और समाज में योगदान के लिए हमेशा याद करेंगे।
प्रधान मंत्री ने कहा कि उनकी महान शिक्षा लोगों के जीवन को प्रेरणा देती रहेगी। मेरे विचार जैन समुदाय और उनके अनगिनत शिष्यों के साथ हैं।
फोटो यूट्यूब से साभार
मुनिश्री तरुण सागर का अंतिम संस्कार शनिवार अपराह्न किया जाएगा।
उन्हें दो सप्ताह पहले मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
कहा गया है कि वह पीलिया रोग के शिकार होगए थे। इलाज से सुधार नहीं होने के कारण जैन मुनि ने अपना इलाज कराने से मना कर दिया था।
गुरुवार शाम को अपने अनुयायियों के साथ तरुण सागर जी दिल्ली में कृष्णा नगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास आ गए।
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