नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 38वें अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के राजस्थान मंडप में जयपुरी रजाइयां (cotton blanket )दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं।
वजन में हल्की, कोमल एवं गर्माहट इन रजाइयों की खासियत है। इस वर्ष राजस्थान मंडप में स्टॉल पर रजाइयां 1500 से 8000 रु तक की रेंज में उपलब्ध हैं।
जयपुरी रजाइयां बनाना बुनकरों का वंशानुगत व्यवसाय है और इसे वे कई पीढ़ियों से करते आ रहे हैं।
जयपुर के बुनकर सर्दी के मौसम में घरेलू उपयोग में आने वाले सभी प्रकार के उत्पादों को बनाते हैं लेकिन रजाई बनाने में उन्हें विशेष योग्यता प्राप्त है।
रजाइयों को बनाने में उच्च श्रेणी की शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण कपास का प्रयोग किया जाता है।
पारंपरिक सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंट में विश्व प्रसिद्ध जयपुरी डबल बेड की रजाइयां भी बनाई जा रही हैं जो कि दर्शकों द्वारा काफी पसंद की जाती हैं।
मंडप में जयपुरी सिल्क के बहुत ही गुणवत्ता के कवर भी उपलब्ध है जो कि दर्शकों को काफी पसंद आ रहे हैं।
राजस्थान मंडप के निदेशक दिनेश सेठी ने बताया कि जयपुरी रजाई बनाने की इस विशेष कला के लिये जयपुर के कई बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
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