दिल्ली की कुतुबमीनार से भी पांच मीटर ज्यादा ऊंची आधुनिक इमारत जैतखाम का राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने रविवार को अवलोकन किया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निर्मित यह विशाल जैतखाम दिल्ली के कुतुबमीनार से भी पांच मीटर ज्यादा ऊंचा है। इस जैतखाम की ऊंचाई 77 मीटर है। इसके निर्माण में लगभग 50 करोड़ रूपए की लागत आई है।
विशाल जैतखाम की असाधारण ऊंचाई को ध्यान में रखकर इसकी डिजाईन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी) रूड़की के तकनीकी विशेषज्ञों से अनुमोदित करवाई गई थी। यह जैतखाम वायु दाब और भूकम्प रोधी है। इसमें अग्नि और आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए भी उच्च स्तरीय तकनीकी प्रावधान किए गए हैं। इसकी बुनियाद 60 मीटर व्यास की है।
इसके आधार तल पर लगभग दो हजार श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था सहित एक विशाल सभागृह का निर्माण भी किया गया है। पहली मंजिल से आखिरी मंजिल तक सात बालकनियां भी बनाई गई है, जिनमें प्रवेश करने वाले लोग आस-पास के सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन करते हुए और सबसे ऊंची मंजिल तक बढ़ते हुए कुछ देर के लिए विश्राम भी कर सकते हैं।
विशाल जैतखाम में नीचे-ऊपर आने-जाने के लिए अलग स्पायरल विन्सीढ़ियों का भी निर्माण किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गिरौदपुरी छत्तीसगढ़ के महान संत और सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरू बाबा घासीदास की जन्म स्थली और कर्मभूमि है। वहां इस विशाल जैतखाम का लोकार्पण दो वर्ष पहले 18 दिसम्बर 2015 को उनकी जयंती के अवसर पर किया गया था।
इसके अलावा जैतखाम में वृद्धजनों, निःशक्तजनों, बच्चों और महिलाओं की सुविधा के लिए विशेष रूप से लिफ्ट भी हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ गिरौदपुरी धाम पहुंच कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने गुरू बाबा घासीदास जी के मंदिर में पूजा-अर्चना की और सामुदायिक भवन का भूमिपूजन किया।
कोविन्द ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और सतनामी समाज के धर्मगुरूओं तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ गिरौदपुरी के विशाल जैतखाम का अवलोकन भी किया।
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