वाशिंगटन, 21 अप्रैल। अमरीका दौरे पर गए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 20 अप्रैल, 2017 को वाशिंगटन डीसी में अमरीकी वाणिज्य सचिव विलबर रॉस के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में जेटली ने एच-1बी वीजे के मुद्दे पर चर्चा की है। भारतीय वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, जेटली ने अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रोस से गुरुवार को हुई मुलाकात में इस मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने ‘हाल के कार्यकारी आदेशों का जिक्र किया जिनसे एच-1बी वीजे पर सख्ती के संकेत मिल रहे हैं।’
बयान के अुनसार, “वित्त मंत्री ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कुशल भारतीय पेशेवरों के योगदान को रेखांकित किया और उम्मीद जताई कि अमेरिकी प्रशासन कोई भी फैसला लेते हुए इस पहलू पर गौर करेगा।”
जेटली अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं, जहां वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की बैठकों में भाग लेंगे।
वित्त मंत्री ने हाल ही के कार्यकारी आदेशों के तहत एच -1 बी वीजा व्यवस्था को सख्त बनाने की संभावना को देखते हुए यह मुद्दा भी उठाया। उन्होंने अमरीकी अर्थव्यवस्था में कुशल भारतीय पेशेवरों के उल्लेखनीय योगदान की चर्चा करते हुए आशा व्यक्त की है कि ऐसा कोई भी निर्णय लेने से पूर्व अमरीकी प्रशासन इस पहलू को ध्यान में रखेगा।
भारतीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को नई दिल्ली में मीडिया से कहा कि अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत को एक निश्चित संख्या में एच-1बी वीजा देने का वादा किया था और हम ‘चाहते हैं कि अमेरिका यह वादा निभाए।’ सीतारमण ने कहा, “केवल अमेरिका ही नहीं, कई देश ऐसे (प्रतिबंधात्मक) कदम उठा रहे हैं।” मंत्री ने कहा कि प्रतिबंधात्मक वीजा व्यवस्था से भारत में संचालित अमेरिकी कंपनियों पर भी असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “यह एकतरफा मुद्दा नहीं है, जिससे भारतीय कंपनियां प्रभावित होंगी..बल्कि भारत में भी कई अमेरिकी कंपनियां हैं जो सालों से यहां व्यापार कर रही हैं।”
अमेरिका जहां अपने वीजा कार्यक्रम की समीक्षा कर रहा है, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में अपने एक अस्थायी वीजा कार्यक्रम, 457 वीजा को रद्द कर दिया है। सीतारमण ने इन देशों के उदाहरण देते हुए कहा, “देश अब सेवा व्यापार के मद्देनजर स्पष्ट रूप से सुरक्षात्मक कदम उठा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मैं कुशल पेशेवरों की शरणार्थियों से तुलना करने का विरोध करती हूं।”
(फाइल फोटो)
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