कोटा, 13 मई। तीन दिवसीय ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट‘ (ग्राम) में आयोजित ‘जाजम बैठकें‘ किसानों के लिये वरदान साबित होगी। इन बैठकों में कोटा संभाग के किसान 24 मई से 26 मई तक तीनों दिन कृषि, उद्यानिकी और पशु पालन के विशेषज्ञों से रूबरू होकर जिज्ञासाओं अथवा समस्याओं का निराकरण कर सकेंगे। ‘ग्राम कोटा‘ में जाजम बैठकों के अतिरिक्त प्रदर्शनी, उद्घाटन सत्र, सेमीनार एवं स्मार्ट फार्म आदि भी होंगे, जिनमें लगभग 30 हजार कृषकों के भाग लेने की संभावना है।
यह जानकारी आज प्रमुख शासन सचिव, कृषि, श्रीमती नीलकमल दरबारी ने दी। दरबारी ने बताया कि इन जाजम बैठकों के माध्यम से किसान कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों में आधुनिक एवं विश्वव्यापी श्रेष्ठ कृषि और पशुपालन कार्यप्रणालियों को अपनाकर अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकेंगे।
जाजम बैठकों में किसानों को बदलती जलवायु को ध्यान में रखते हुए फसल उत्पादन की आधुनिक तकनीकों को बताया जाएगा और इसके साथ ही जैविक खेती के बारे में उन्नत विधियों (आईपीएम) के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त किसान इसके माध्यम से राज्य में खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन में भावी संभावनाओं तथा सहकारी विभाग की योजनाओं के बारे जान सकेंगे।
इसी प्रकार से उद्यानिकी पर आधारित जाजम बैठकों में किसानों को आधुनिक तरीके से संतरा, अमरूद आदि फलों की खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन बैठकों में सब्जियों की संरक्षित खेती, धनिया, लहसुन, मसाला फसलों की उन्नत खेती तथा इनके गुणवत्तापूर्ण उत्पादन एवं इनकी निर्यात सम्भावनाओं पर भी चर्चा की जायेगी। इसके अलावा फलों, सब्जियों एवं फूलों की कटाई उपरान्त प्रबन्धन के बारे में भी बताया जाएगा। आय में वृद्धि हेतु मधुमक्खी पालन तथा औषधीय एवं सुगन्धित पौधों की खेती पर भी जानकारी दी जाएगी।
पशु पालन थीम पर आधारित बैठकों में राजस्थान में स्वदेशी नस्लों के सुधार एवं बढोतरी के तरीकों, लाभकारी डेयरी फार्मिंग के लिये पशुपोषण की उन्नत विधियों, पशुओं का अनियमित प्रजनन एवं बांझपन की रोकथाम के उपाय बताए जाएगें। किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिये मछली पालन की वैज्ञानिक तकनीकियों तथा भेड़ एवं बकरियों के नस्ल सुधार के बारे में जानकारी दी जायेगी। इसके अलावा इन बैठकों में उद्यमिता के नये आयामों में मुर्गीपालन, उंटपालन एवं घोड़ों के रख रखाव के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
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