राजसमन्द जिले के गढ़बोर के श्री चारभुजानाथ मन्दिर में जलझूलणी एकादशी मेला शनिवार , 2 सितम्बर को अपने चरम यौवन पर रहा।
मेवाड़, मालवा, गुजरात, वागड़, काँठल आदि क्षेत्रों के हजारों भक्तों सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीचारभुजानाथ के दर्शन किए।
चारभुजानाथ मेले में बहुत बड़ी संख्या में उन मेलार्थियों ने भी हिस्सा लिया जो रामदेवरा दर्शन कर अपने गंतव्य स्थलों की ओर पहुंच रहे हैं। मेवाड़ और मारवाड़ सहित विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए अपने धर्म ध्वजों के साथ भी चारभुजानाथ मेले में पहुंचे। गढ़बोर में हर तरफ चारभुजानाथ के जयकारे गूंजते रहे।
उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने भगवान चारभुजानाथ के दर्शन किए तथा राजस्थान एवं देश की सर्वांगीण खुशहाली के लिए प्रार्थना की और चारभुजानाथ के समक्ष अपने इस संकल्प को दोहराया कि राजसमन्द झील भर जाने पर वे राजसमन्द से चारभुजानाथ धाम तक पदयात्रा करेंगी। उच्च शिक्षा मंत्री के साथ कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य श्री लेहरसिंह सिरोया सहित जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने भी प्रभु श्री चारभुजानाथ के दर्शन किए और मेले का आनंद लिया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार रात सांस्कृतिक संध्या और शनिवार को जलझूलणी मेले में भी हिस्सा लिया तथा मेलार्थियों को संबोधित करते हुए आस्था और श्रद्धा के धाम चारभुजानाथ भगवान के श्रीचरणों में भक्ति भाव को समस्त मनोकानाओं की पूर्ति करने वाला बताया।
शनिवार मध्याह्न में श्रीचारभुजानाथ मन्दिर से भगवान के श्रीविग्रह को लिए सोने की बेवाण सहित विशाल शोभायात्रा ने दूधतलाई की ओर प्रस्थान किया। दूधतलाई में पवित्र जल से भगवान के श्रीविग्रह को विधिविधान से स्नान कराया गया। इस दौरान दूधतलाई क्षेत्र भर में हर तरफ हजारों भक्तों का जमघट लगा रहा। इसके उपरान्त भगवान के श्रीविग्रह को चाँदी के बेवाण में विराजमान कर शोभायात्रा वापस चारभुजानाथ मन्दिर पहुंची।
शोभायात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्तिभाव हिलोरे लेता रहा। जयकारों की गगनभेदी गूंज, भक्तिलहरियों, लोकवाद्यों के नादों पर थिरकते श्रद्धालुओं के सैलाब और गुलाल-अबीर की बरसात ने भक्तों के साथ ही गढ़बोर को गुलाबी रंग से रंग दिया।
जलझुलणी ग्यारस पर भगवान श्री चारभुजानाथ सहित मन्दिर परिसर की देव प्रतिमाओं का मनोहारी श्रृंगार किया गया। मन्दिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। मंगला दर्शन, श्रृंगार दर्शन, राजभोग दर्शन, आरती आदि के समय भक्तों की अपार भीड़ बनी रही।
चारभुजानाथ मेले में शुक्रवार रात हुई भजन संध्या में लोक कलाकारों ने भक्तिभाव भरे भजनों, गीतों और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये आस्था का सागर उमड़ा दिया। कई लोक कलाकारों ने श्रद्धा और मनोरंजन से भरपूर कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
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