चेन्नई, 18 जनवरी | तमिलनाडु में बैल पर काबू पाने के प्राचीन और लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू के आयोजन और पशु अधिकार संगठन ‘पेटा’ पर प्रतिबंध की मांग कर रहे युवाओं का बुधवार को दूसरे दिन राज्यभर में प्रदर्शन उग्र हो गया है। प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन बढ़ता जा रहा है। यहां एसआरएम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उनके समर्थन में अपने संस्थान के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
इसी प्रकार तमिलनाडु में अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन उग्र हो रहा है।
नमक्कल जिले में वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
राज्य के दो मंत्रियों से वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाने के बाद सैकड़ों कॉलेज छात्र और अन्य युवा अपनी मांग को लेकर मंगलवार रातभर मरीना बीच पर बैठे रहे।
पुलिस द्वारा मरीना बीच की बिजली आपूर्ति बंद कर देने के बावजूद रातभर मोबाइल फोन्स की रोशनी के सहारे प्रदर्शन जारी रहा।
मदुरै जिले के अलंगनाल्लुर में जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारी की खबर फैलने के बाद यहां मंगलवार सुबह से ही प्रदर्शन शुरू हो गया। अलंगनाल्लुर में जल्लीकट्टू के समर्थन में सोमवार को लोगों ने प्रदर्शन किया था।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष और तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन ने मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम से प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने और जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
प्रदर्शनकारियों को लोकप्रिय अभिनेता विजय के समर्थन से भी बल मिला है।
विजय ने एक वीडियो संदेश में कहा, “कानून लोगों से उनकी परंपराएं और अधिकार छीनने के लिए नहीं बनाया गया है, बल्कि उसकी रक्षा के लिए बनाया गया है। जल्लीकट्टू हर तमिल की पहचान है। मैं जल्लीकट्टू के प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को सलाम करता हूं।”
अभिनेता सूर्या ने भी पेटा की आलोचना की है, जो जल्लीकट्टू के खिलाफ अभियान चला रहा है।
इसी प्रकार अभिनेता जी.वी. प्रकाश, गायक और गीतकार अरुणराजा कामराज और फिल्मकार कार्तिक सुब्बाराज भी मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के समर्थन में खड़े हो गए।
प्रकाश और अरुणराजा चेन्नई में मरीना बीच पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं और कार्तिक मदुरै में प्रदर्शनकारियों की भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं।
जल्लीकट्टू पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को मदुरै जिले के अलांगनाल्लुर में हजारों युवकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन रातभर जारी रहा, जिस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने जल्लीकट्टू का आयोजन करने के लिए मशहूर इस कस्बे एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने नजदीकी विवाह सभागारों में नजरबंद कर दिया था।
इन गिरफ्तारियों से गुस्साए ग्रामीण अलंगनाल्लुर में सड़कों पर उतर आए।
सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन पर मई 2014 में रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही लोग केंद्र सरकार से जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए जरूरी कानूनी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। –आईएएनएस
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