नई दिल्ली,20 जुलाई (जनसमा)। जम्मू कश्मीर में सन् 2011 से 9 जुलाई, 2017 के बीच के लगभग सात सालों में 702 आतंकी मार दिये गये किन्तु 307 सुरक्षाकर्मियों को भी जान से हाथ धोना पड़ा और वे देश की रक्षा करते हुए शहीद होगए।
जम्मू कश्मीर में 2016 में आतंकी हिंसा की 322 घटनाएं हुई और इसमें 150 आतंकियों को मार गिराया गया । इसका दूसरा दुःखद पहलू यह भी है कि इन घटनाओं को रोकने में लगे सुरक्षाकर्मियों में से 82 शहीद होगए और 15 बेकसूर नागरिक मौत के शिकार हुए।
यह जानकारी प्रभात झा द्वारा राज्यसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने दी।
File photo : A soldier take position during an encounter with militants in Jammu and Kashmir’s Baramulla district on June 9, 2017. Five terrorists killed by the army in Uri sector of the LoC where a major infiltration bid has been foiled. (Photo: IANS)
उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों के दौरान (जुलाई 2014 से जुलाई 2017) हिंसा की घटनाओं में पहले के तीन वर्षों (जुलाई 2011 से जून 2014) की तुलना में 22.25 प्रतिशत (3999 से 3109) की कमी आयी। वहीं वामपंथी उग्रवादियों के मारे जाने की संख्या में पिछले तीन वर्षों (जुलाई 2011 से जून 2014) की तुलना में 78 प्रतिशत (228 से 406) की बढोतरी हुई।
जम्मू कश्मीर में 2011 से लेकर 2017 तक (9 जुलाई 2017 तक) आतंकी हिंसा की घटनाओं, मारे गये नागरिकों/ सुरक्षाबलों के जवानों और आतंकवादियों की संख्या का विवरण इस प्रकार है:
साल | आतंकी हिंसा की घटनाएं | मारे गये आम नागरिक | शहीद हुए सुरक्षाकर्मी | मारे गये आतंकी |
2011 | 340 | 31 | 33 | 100 |
2012 | 220 | 15 | 15 | 72 |
2013 | 170 | 15 | 53 | 67 |
2014 | 222 | 28 | 47 | 110 |
2015 | 208 | 17 | 39 | 108 |
2016 | 322 | 15 | 82 | 150 |
2017
(9 जुलाई तक) |
172 | 12 | 38 | 95 |
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