भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र (Northeast region) के विकास पर जापान सरकार 205.784 बिलियन येन का निवेश करेगी। यह राशि लगभग 13 हजार करोड़ रुपये के बराबर है।
यह जानकारी उत्तर पूर्वी क्षेत्र (Northeast region) के प्रभारी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में 12 जून को जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सु के नेतृत्व में जापानी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के बाद दी।
इससे पूर्व जापानी प्रतिनिधिमण्डल के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र (Northeast region) के विभिन्न राज्यों की कई परियोजनाओं पर बातचीत की गई।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र (Northeast region) की कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएँ जिनमें जापान सहयोग करेगा वे हैं :
- असम में गुवाहाटी जलापूर्ति परियोजना
- गुवाहाटी सीवेज परियोजना
- पूर्वोत्तर सड़क नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधार परियोजना (असम और मेघालय )
- मेघालय में पूर्वोत्तर नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधार परियोजना
- सिक्किम में जैव विविधता संरक्षण और वन प्रबंधन परियोजना
- त्रिपुरा में सतत वन प्रबंधन परियोजना
- मिजोरम में सतत कृषि और सिंचाई के लिए तकनीकी सहयोग परियोजना
- नागालैंड में वन प्रबंधन परियोजना आदि।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने पिछले तीन से चार वर्षों में उत्तरपूर्वी क्षेत्र (Northeast region) के विकास और परिवर्तन के लिए जापानी योगदान की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नए क्षेत्रों पर सहयोग के भी काम करने की मांग की जाएगी, जिसमें संभवतः बांस से संबंधित सहयोग शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार थी जिसने 90 साल पुराने ष्इंडियन फॉरेस्ट एक्ट ऑफ 1919 में संशोधन कर घर.घर में पैदा होने वाले बांस को इसके दायरे से बाहर किया।
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