नई दिल्ली, 28 जून। एक साइबर हमले के कारण जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट-जेएनपीटी के कामकाज में बाधा पहुंची है और उसे दूर करने के उपाय तेजी से किये जारहे हैं। एक निजी टर्मिनल संचालक, एपीएम मर्स्क के संचालन में बाधा आने की वजह से वहां अनपेक्षित स्थिति बन गयी। यह साइबर हमले से उत्पन्न विश्वव्यापी बाधा है।
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संयोजक डॉक्टर गुलशन राय स्थिति से निपटने के लिए जेएनपीटी पहुंच रहे हैं।
सीएफएस को भी सलाह दी गई है कि वे जहाजों को अपने यार्ड में ही रहने दें। सड़क पर वाहनों के संभावित जाम से निपटने के लिए यातायात नियंत्रण दल की तैनाती की जा रही है।
यह फोटो खबर को समझने के लिए है, वास्तविक स्थान का नहीं है।। साभार शिपिंग मंत्रालय
निजी टर्मिनल संचालक ने सूचना दी कि यह बाधा एक साइबर हमले की वजह से उत्पन्न हुई विश्वव्यापी बाधा का नतीजा है। हालांकि टर्मिनल संचालक इस बाधा को दूर करने के लिए कदम उठा रहा है, लेकिन यह अनुमान जताया जा रहा है कि वहां ेआने-जाने वाले कई मालवाहक जहाज होंगे।
शिपिंग मंत्रालय और जेएनपीटी स्थिति से निपटने को लेकर सक्रिय है और व्यापार, परिवहन एवं स्थानीय लोगों की परेशानी कम से कम करने के लिए कदम उठा रहा है।
इससे यातायात प्रबंधन में मुश्किलों को देखते हुए जेएनपीटी ने इस निजी टर्मिनल के पास जहाजों के लिए अपनी पार्किंग खोल दी है। सीएफएस को भी सलाह दी गई है कि वे जहाजों को अपने यार्ड में ही रहने दें। जेएनपीटी और अधिक पार्किंग क्षेत्र का पता लगाने के लिए स्थानीय प्राधिकरण सिडको के सम्पर्क में है।
हालात पर निगरानी रखी जा रही है और ट्रैफिक से निपटने के लिए अगले कुछ दिनों के आकलन के आधार पर कदम उठाये जायेंगे।
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