चेन्नई, 31 अगस्त | तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार ने अपने शासन के 100 दिन पूरे कर लिए हैं। राज्य के लोग सुबह जब सोकर उठे तो उन्हें समाचार पत्रों में इस अवधि में अन्नाद्रमुक सरकार की उपलब्धियों के पूरे पन्नों के विज्ञापन नजर आए। विज्ञापनों में 16.94 लाख किसानों को सहकारी बैंकों द्वारा दिए गए फसल ऋण की बकाया राशि की माफी, घरों को पहली सौ यूनिट मुफ्त बिजली, बुनकरों को 200 यूनिट, पावरलूम बुनकरों को 750 यूनिट, शराब की 500 दुकानों को बंद करना, शराब की दुकानों के खुले रहने के समय को कम करना, जैसे सरकार द्वारा किए गए सामाजिक कल्याण के कई कार्यो का उल्लेख था।
सरकार ने अपनी उपलब्धियों में कुडनकुलम में पहले 1,000 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयत्र को समर्पित किए जाने को भी सूचीबद्ध किया था।
इनके अलावा विज्ञापनों में दर्ज अन्य उपलब्धियों में 3,770 करोड़ रुपये की लागत से चेन्नई मेट्रो रेल के पहले चरण का विस्तार, स्वतंत्रता सेनानियों की मासिक पेंशन को बढ़ाकर 12,000 रुपये करना, परिवार पेंशन और विशेष पेंशन को बढ़ाकर 6,000 रुपये करना भी शामिल था।
मई 2016 विधानसभा चुनाव के साथ कई खास बातें जुड़ी हैं, जिनमें अन्नाद्रमुक फिर से सत्ता में लौटी थी।
उदाहरण के तौर पर 1984 के बाद से यह पहला मौका था, जब कोई पार्टी सत्ता में कायम रही। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक की महासचिव जयललिता लगातार दूसरे कार्यकाल में चुनी जाने वाले पहली मुख्यमंत्री बन गईं।
23 मई, 2016 को जयललिता को छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। –आईएएनएस
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