रांची, 03 मई (जनसमा)। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उर्जा विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के दुर्गम स्थल पर बसे 214 गांवों में सितंबर 2017 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लें। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के सभी लोगों को बिजली उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 तक राज्य के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है और इसे हर हाल में पूरा करना है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर घरों में बिजली का कनेक्शन देने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि बिजली चोरी रोकने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार बनायें। रघुवर दास बुधवार को ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर फार्मिंग पर जोर दें। इससे न केवल लागत कम आएगी बल्कि प्रदूषण भी नहीं होगा। साथ ही कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियों को झारखंड में बुलाएं। यहां उनका निर्माण कराने के साथ ही ऊर्जा उत्पादन में भी सहयोग लें। प्रमंडलवार काम बांट दें।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कमिश्नरी भवन, उपायुक्त कार्यालय, एस.पी. कार्यालय, पंचायत भवन, स्कूल, अस्पताल आदि की छतों पर सोलर पैनल लगाएं। गांवों में सोलर स्ट्रील लाइट भी लगाएं साथ ही राज्य की बंजर भूमि, कैनल आदि पर भी सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा करने की सम्भावनाओं को तलाशें। एक बार सोलर पैनल लग जाने से अगले 25 साल तक बिजली पर खर्च नहीं करने की जरूरत होगी। इससे मैनपावर भी बचेगा। मेक इन झारखण्ड पर हमें फोकस करना है।
बैठक में बताया गया कि दिसंबर तक सभी ट्रांसफर्मर में मीटर लगाने का काम पूरा हो जाएगा। इससे बिजली चोरी पर नियंत्रण होगा। बिल में अंतर आने पर उस क्षेत्र के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
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