रांची, 13 अगस्त (जस)। झारखण्ड को ऊर्जा हब बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 14 स्थानों पर जल विद्युत परियोजनाएं (हाईड्रोपॉवर) विकसित करने का निर्णय लिया है।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 126 मेगावाट क्षमता के लिए पी0पी0पी0 मोड के माध्यम जल विद्युत परियोजनाओं को विकसित करने के लिए आर0एफ0पी0 (रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल) के प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की।
दास ने कहा कि झारखण्ड सरकार थर्मल एनर्जी एवं सोलर एनर्जी के साथ-साथ हाईड्रो पावर को विकसित करने के लिए भी प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में लघु जल विद्युत परियोजनाओं की व्यापक संभावना को देखते हुए 68 स्थलों का चयन किया गया है। इनमें से 14 स्थलों पर जल विद्युत परियोजनाओं को विकसित किया जायेगा।
जिन 14 स्थलों पर जल विद्युत परियोजना को विकसित करने की योजना है वे तोरपा, खूंटी (कारो नदी पर 13 मेगावाट) दशम फॉल, रांची (कांची नदी पर 06 मेगावाट) मनोहरपुर, प0 सिंहभुम (कोयल एवं कारो नदी पर 08 मेगावाट) मलय पलामू, (मलय डैम पर 0.8 मेगावाट) बसिया,गुमला (कोयल नदी पर 09 मेगावाट) जोन्हा, रांची (राढ़ू नदी पर 01 मेगावाट) अड़की, रांची (तजना नदी पर 1.5 मेगावाट) जोन्हा, रांची (सीता फॉल पर 0.7 मेगावाट) हुंडरू, रांची (स्वर्णरेखा नदी पर 11 मेगावाट) ठेठाईटांगर, सिमडेगा (शंख नदी पर 24 मेगावाट) कुरदेग, सिमडेगा (शंख नदी पर 19 मेगावाट) रायडीह, गुमला (शंख नदी पर 23 मेगावाट) सुगबंध स्टेज-1, लातेहार (नॉर्थ कोयल नदी पर 4.5 मेगावाट) और सुगबंध स्टेज-2, लातेहार (नॉर्थ कोयल नदी पर 4.5 मेगावाट) हैं।
(फाइल फोटो)
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