रांची, 05 मई (जनसमा)। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तर्ज पर झारखण्ड में ‘‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार’’ की योजना लागू की जायेगी विद्यालयों के लिए जिसके तहत प्रत्येक तीन माह में सबसे स्वच्छ विद्यालय को एक लाख रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को कहा कि स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए शौचालय की स्वच्छता नितांत आवश्यक होगी। लातेहार, गिरिडीह, बोकारो एवं पश्चिमी सिंहभूम में अनाथ/असहाय बच्चों के लिए आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। इसी प्रकार ट्रैफिकिंग बच्चियों के लिए रांची एवं पश्चिमी सिंहभूम में 1-1 आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। रघुवर दास झारखण्ड मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
दास ने कहा कि स्कूल में मध्याह्न भोजन के लिए अनाज की आपूर्ति अब जन-वितरण प्रणाली के दुकानों के माध्यम से की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय में एल.पी.जी. गैस की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 26,370 बच्चों के लिए राज्य के अन्तर्गत तथा 5000 बच्चों के लिए राज्य के बाहर शैक्षणिक भ्रमण की योजना बनाई गई है। गर्मी की छुट्टी में ग्रामीण इलाके के स्कूली बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर शिमला ले जाया जाएगा। देश-दुनिया को देखने एवं समझने से पढ़ाई में उनकी रूची बढ़ेगी एवं प्रतिभा निखरेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विद्यालयों में आधारभूत संरचना के विकास हेतु कटिबद्ध है। आजादी के बाद 70 सालों में जहां लगभग 10 हजार विद्यालयों में बेंच-डेस्क उपलब्ध था, वहीं मात्र दो वर्षों में 15 हजार विद्यालयों में बेंच-डेस्क उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने मई माह में शेष विद्यालयों में भी बेंच-डेस्क सुलभ कराने का निर्देश दिया। उन्होंने विद्यालयों में रनिंग वाटर सप्लाई की योजना बनाने का भी निर्देश दिया।
(फाइल फोटो)
Follow @JansamacharNews