रांची, 7 सितंबर (जस)। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से बुधवार को जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार, के ओ.एस.डी. डॉ अमरजीत सिंह के नेतृत्व में केन्द्रीय टीम ने मुलाकात की। यह टीम झारखण्ड में वर्षा जल एवं भूमिगत जल के समुचित प्रबंधन के लिए कार्य करेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखण्ड का टोपोग्राफी वर्षा जल संचय के लिए सर्वथा अनुकूल है। यहां वर्षा भी पर्याप्त होती है। आवश्यकता है जल संचय कर इसका समुचित उपयोग करने की। सरकार इस दिशा में माईक्रोलेवल प्रोजेक्ट बनाकर कार्यान्वित कर रही है। जल प्रबंधन में झारखण्ड को रोल मॉडल बनाना है।
केन्द्रीय टीम ने कहा कि झारखण्ड में कम अवधि में तैयार होने वाले धान के फसल को करने से दलहन की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। धान का पैदावार इस पर निर्भर करता है कि हम किस किस्म की धान लगाते हैं एवं इसे लगाने की विधि कौन सी है। धान के फसल के पश्चात दलहन की खेती के लिए जमीन में आवश्यक नमी बची रह जाती है। इसमें दलहन की खेती की जा सकती है। दलहन की खेती के लिए कम मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती है, जिसे वर्षा जल के संचय से पूरा किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार स्वर्ण रेखा परियोजना के शेष कामों को शीघ्र पूरा करना चाहती है। इसके पूरा होने से आस-पास के जमीन के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इससे कृषकों को लाभ होगा।
डॉ अमरजीत सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार स्वर्ण रेखा परियोजना को पूरा करने के लिए नाबार्ड के साथ एम.ओ.यू. कर चुकी है, शीघ्र 60 प्रतिषत केन्द्रांश रिलीज किया जाएगा। एम.ओ.यू. में ऐसी व्यवस्था की गई है कि राज्य सरकार भी 40 प्रतिशत राज्यांश के लिए नाबार्ड का सहयोग ले सकती है।
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