नयी दिल्ली/बेंगलुरू , 06 सितम्बर । प्रसिद्ध कन्नड़ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की नृशंस हत्या के विरोध में बुद्धवार को देश भर में पत्रकार संगठनों, सामाजिक संस्थओं, राजनीतिक दलों के नेताओं, बुद्धिजीवियों और लेखकों ने एक स्वर में कड़ी निन्दा की, प्रदर्शन किया और दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर उन्हें सख्त से सख्त सजा देने की मांग की ।
बेंगलुरू में गौरी लंकेश का पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेंगलुरू में टाउन हॉल में मौन विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए लोगों ने अपने हाथों में तख्तियां पकड़ रखी थी। एक तख्ती पर लिखा था, “आप किसी शख्स की हत्या कर सकते हैं, उसके विचारों की नहीं।”
दिल्ली के प्रेस क्लब में बडी संख्या में एकत्रित हुए मीडिया कर्मियों ने गौरी लंकेश की हत्या की कडी निन्दा करते हुए इस घटना को पत्रकारों की आजाद आवाज को दबाने की कोशिश कहा। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को इस घटना पर अपनी बात कहनी चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार से वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
गौरी लंकेश (55) की मंगलवार रात बेंगलुरू में उनके घर के दरवाजे पर तीन अज्ञात हमलावरों ने सात गोलियां दागी थी और उनकी मौत हो गई । लंकेश अपने कार्यालय से घर लौटी थीं। लंकेश के सीने में दो गोलियां और एक गोली माथे पर लगी थी। वह लोकप्रिय कन्नड़ टेबलॉयड ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने भाजपा मुख्यालय में कहा, “हम कर्नाटक सरकार से वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच गंभीरता से करने, मामले को अंजाम तक पहुंचाने, दोषियों को पकड़ने एवं उन्हें सजा देने का आग्रह करते हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अतुल कुमार अंजान और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने गौरी की हत्या को अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरनाक बताते हुए इस घटना के लिए साम्प्रदायिक ताकतों को जिम्मेदार बताया है।
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