कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve) का लोकप्रिय बाघ टी-17 उर्फ मुन्ना (Tiger Munna) भोपाल वन विहार (Van Vihar) पहुँच गया। सफर के दौरान मुन्ना शांत रहा।
लम्बे समय से पर्यटकों का मन मोहने वाले बाघ मुन्ना (Tiger Munna) की कान्हा से भावभीनी विदाई हुई।
बाघ मुन्ना (Tiger Munna) को कान्हा से बुद्धवार शाम कान्हा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति ने सहायक संचालक सुनील सिन्हा, वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल, रेंज ऑफिसर गौतम और 7 सदस्यों के साथ भोपाल के लिये रवाना किया।
लगभग 16 वर्षीय बाघ मुन्ना को सुरक्षा के मद्देनजर कान्हा से वन विहार शिफ्ट किया गया है।
वृद्धावस्था के कारण बाघ मुन्ना के चारों केनाइन (दाँत) घिस चुके हैं और उसे वन्य-प्राणियों का शिकार करने में कठिनाई होती है।
कम उम्र के नर बाघों की वर्चस्व लड़ाई से बचने के लिये इसने पिछले 2 साल से अपना क्षेत्र कोर से हटाकर बफर एवं सामान्य वन मण्डल क्षेत्र में कर लिया था।
बाघ मुन्ना (Tiger Munna) के आबादी वाले क्षेत्र में पहुँचने से इसने पिछले 2 साल में 26 पालतू पशुओं का शिकार किया। वहीं 2 लोगों को घायल भी किया।
गत 18 अक्टूबर को बाघ मुन्ना (Tiger Munna) ने ग्राम झांगुल की कु. अमृता को मारकर अपना पेट भरने की कोशिश की थी।
पशु, जन और बाघ मुन्ना (Tiger Munna) की सुरक्षा के मद्देनजर आज उसे रेस्क्यू कर वन विहार पहुँचा दिया गया। उसे वन विहार की क्वारेंटाइन में रखकर देखभाल की जा रही है।
क्वारेंटाइन में आते ही मुन्ना ने कमरे का पूर्ण निरीक्षण किया, पानी पिया और शांत भाव से बैठ गया।