सूरत, 8 नवंबर। महात्मा गांधी के पौत्र और नासा के पूर्व वैज्ञानिक कनु भाई रामदास गांधी का सोमवार शाम यहां के एक निजी अस्पताल में देहांत हो गया। वे 87 साल के थे।
आकाशवाणी के अनुसार राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया है।
वे पिछले कुछ दिनों से यहां के शिव ज्योति अस्पताल में भर्ती थे।
कनु दिल का दौरा पड़ने और मस्तिष्काघात के बाद 22 अक्टूबर को सूरत पहुंचे थे। उनका आधा शरीर लकवाग्रस्त हो गया था। तभी से वह कोमा में थे और लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। शिवालक्ष्मी और एक आश्रम सेवक राकेश उनके पास थे। राकेश को राधाकृष्ण मंदिर के अधिकारियों ने कनु गांधी के लिए तैनात किया हुआ था।
महात्मा गांधी के तीसरे बेटे रामदास गांधी के पुत्र रामदास गांधी के इस निःसंतान बेटे ने मुफलिसी की हालत में अंतिम सांस ली।
कनु भाई रामदास गांधी कीआठ दशक बाद भी यह तस्वीर लोगों के जेहन में बसी हुई है। यह तस्वीर मुंबई के जुहू समुद्र तट और देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए संग्रहालयों में लगकर अमर हो चुकी है।
वे 2014 में अपनी पत्नी शिववालक्ष्मी के साथ भारत लौटे थे ।
देश के करोड़ो लोगों ने गांधी जी की वह तस्वीर देखी है जिसमें ऐ बालक गांधी की लाठी पकड़कर आगे-आगे चल रहा है। वह बालक कनु गांधी ही था और तस्वीर आठ दशक पहले मुंबई के जुहू तट पर ली गई थी।
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