नई दिल्ली, 10 अगस्त | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने राज्यसभा में बुधवार को जोर देकर कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का सिर्फ ‘अंदरूनी’ मुद्दा नहीं है और भारत को पाकिस्तान व चीन के साथ वार्ता बंद नहीं करनी चाहिए। कर्ण सिंह ने समझाया कि किस तरह दोनों देशों ने राज्य के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा, “हम कहते हैं कि जम्मू एवं कश्मीर देश का एक आंतरिक मामला है। मैं इस बात से सहमत हूं, लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि इसका 50 फीसदी हिस्सा हमारे नियंत्रण में नहीं है। इससे बेहद महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय पहलू जुड़ा हुआ है। यहां पाकिस्तान है, चीन है।”
राज्य के अंतिम राजा के बेटे ने कहा कि उनके पिता हरि सिंह ने जिस राज्य को भारत में विलय करने पर हस्ताक्षर किए थे, वह 84,000 वर्गमील में फैला था।
आज की तारीख में हमारे नियंत्रण में केवल 42,000 वर्ग मील है।
उन्होंने कहा, “यह कहना कि हम वार्ता नहीं करेंगे, यह एक परिपक्व प्रतिक्रिया नहीं होगी। जब हम कहते हैं कि हमें पाकिस्तान के साथ वार्ता की जरूरत नहीं है, तो क्या हम न्यायसंगत बात करते हैं?”
उन्होंने यह बात कश्मीर में हालात को लेकर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कही।
कश्मीर घाटी के हालात पर चिंता जताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि घाटी में पैलेट गन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगनी चाहिए।
कर्ण सिंह ने कहा, “इन बंदूकों पर पाबंदी लगनी चाहिए।” उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भीड़ से निपटने का कोई अन्य तरीका ढूंढ़ने का आग्रह किया।
उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि घाटी में हालात सामान्य बनाने के लिए राज्य सरकार को और सक्रिय होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “नागरिक प्रशासन में कहीं चूक हुई है। जरूरी सेवाएं बाधित हो रही हैं। व्यापक मानवीय समस्या है, जिससे निपटना चाहिए।”
कर्ण सिंह ने कहा, “हमें इस बात का आत्मविश्लेषण करना होगा कि हजारों की तादाद में युवाओं ने क्यों एक ऐसे मार्ग को चुना है, जिसका परिणाम केवल मौत और विनाश है।”
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