जयपुर, 28 जुलाई (जस)। राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष शम्भूदयाल बड़गुजर ने कहा है कि बताया कि खादी भण्डारों का नाम प्रधानमंत्री के आह्वान पर खादी इण्डिया किया गया है। सरकार खादी एवं ग्रामोद्योग समितियों को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है और उनके उत्थान के लिए भी विशेष प्रयास कर रही है। बड़गुर्जर गुरुवार को बांसवाड़ा सर्किट हाउस में खादी ग्रामोद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे थे।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा खादी को प्रोत्साहन देने के लिए 180 खादी ग्रामोद्योगों का नवीनीकरण करवाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खादी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत हैं और बोर्ड द्वारा इस क्षेत्र में कौशल विकास के लिए मांगा गया 5 करोड 60 लाख रुपये का बजट भी मुख्यमंत्री ने स्वीकृत किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खादी वस्त्र उद्योग के सघन कार्यक्रम हैं जो राज्य की अर्थव्यवस्था व ग्रामीण क्षेत्र के कतिन बुनकरों की आजीविका का आधार भी है। इनको नरेगा से जोड़कर विभिन्न प्रवृतियों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण व शहरी अंचल के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को दक्षता आधारित अल्प अवधि तकनीकी प्रशिक्षण के द्वारा उनकी कुशलता में अभिवृद्धि कर स्थानीय आवयकताओं पर आधारित लद्यु व ग्रामोद्योग का प्रशिक्षण राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित प्रशिक्षण केन्द्र पुष्कर, सांगानेर व माउण्ट आबू में दिया जा रहा है ताकि वे रोजगार एवं स्वरोजगार में जुड़ सकें।
बड़गुर्जर ने कहा कि 3 हजार 200 युवाओं को दो माह का प्रशिक्षण देने के उपरांत उनके आवेदन पर 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष राजस्थान आजीविका कौशल मिशन के माध्यम से दस हजार युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाएं जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिलों में चार-चार गैर आवासीय प्रशिक्षण शुरू कराए जाएंगे जिसमें वर्ष भर में 600 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कतिन व बुनकरों को रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से एक संस्था को दस से पन्द्रह चरखे, पांच करधे 25 प्रतिशत अनुदान पर दिया जाएगा जिससे आमदनी दो गुना बढ़ेगी।
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