तेजी से फैलते कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण ने स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। लेकिन, किडनी रोगों (Kidney diseases) से ग्रस्त डायलिसिस (dialysis ) करा रहे मरीजों के लिए यह स्थिति अधिक जोखिमपूर्ण हो सकती है।
एक नये अध्ययन में पता चला है कि किडनी रोगी (damaged kidneys) कोविड-19(COVID-19) के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि किडनी रोगियों में कोविड-19 के नैदानिक लक्षणों और संक्रामकता में अधिक विविधता देखने को मिल सकती है।
“कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमित होने के खतरे से ग्रस्त दूसरे व्यक्तियों की तुलना में किडनी रोगियों (Kidney patients) के लिए यह स्थिति अधिक चुनौतिपूर्ण है, क्योंकि जोखिम के बावजूद, उन्हें हर हफ्ते 2 से 3 बार डायलिसिस केंद्रों पर जाना पड़ता है।
ऐसी स्थिति रोगियों के साथ-साथ उनकेपरिवार के सदस्यों, चिकित्सा कर्मचारियों और अन्य लोगों में संक्रमण के फैलने के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
”जॉर्ज हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ-इंडिया के कार्यकारी निदेशकऔर इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (Nephrology) के अध्यक्ष प्रोफेसर विवेकानंद झा (Vivekanand Jha) ने यह बात कही है।
उन्होंने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण में किडनी का संबंध भी होता है और जब संक्रमण गंभीर होता है, तो यह मृत्यु दर का एक अलग कारक बन जाता है।
चीन और भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया यह अध्ययन शोध पत्रिका किडनी इंटरनेशनल में प्रकाशित किया गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि डायलिसिस के मरीजों के परिजनों को कोविड-19 का संक्रमण परिवार और दूसरे लोगों में फैलने से रोकने के लिए सावधानियों और रोकथाम के तरीकों का पालन सख्ती से करना चाहिए।
इन सावधानियों में शरीर का तापमान मापना, बेहतर हाइजीन, हाथ धोना और बीमारी से ग्रस्त होने वाले लोगों की त्वरित रिपोर्टिंग मुख्य रूप से शामिल है।
कोविड-19 के प्रति संवेदनशील लग रहे डायलिसिस के मरीजों की देखरेख में उपयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि संक्रमण दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों में न फैले।
ये सभी दिशा-निर्देश इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी की वेबसाइट पर विस्तार से दिए गए हैं।
पूर्व रिपोर्टों का हवाला देते हुए जॉर्ज हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सार्स और मर्स कोरोना वायरस से ग्रस्त 05-15 प्रतिशत मरीजों में गंभीर किडनी रोग विकसित होते देखे गए हैं।
इन मरीजों में से 60-90 प्रतिशत मरीजों को अपनी जान गवाँनी पड़ी है।
कोविड-19 संक्रमण को लेकर कुछ शुरुआती रिपोर्टों में 03-09 प्रतिशत लोगों में गंभीर किडनी समस्याएँ उभरने की बात कही गई थी। हालाँकि, बाद में मिली रिपोर्टों में किडनी से जुड़ी समस्याओं (kidney abnormalities) की दर अधिक देखी गई है।
अस्पताल में भर्ती कोविड-19 से ग्रस्त 59 लोगोंपर किए गए अध्ययन के दौरान करीब दो-तिहाई मरीजों के पेशाब में प्रोटीन का अत्यधिक रिसाव देखा गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार रोगियों की तरह इसके जोखिम से ग्रस्त व्यक्तियों को भी समान देखरेख और सावधानियाँ बरतने की जरूरत है।
ऐसे मरीजों को आराम के साथ-साथ पोषण, उत्सर्जित द्रव का सही प्रबंधन, रक्तचाप का रखरखाव और ऑक्सीकरण, जटिलताओं का उपचार, हेमोडायनामिक स्थिरता बनाए रखना और द्वितीयक संक्रमण रोकने के लिए विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
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