Employment

देश में रोजगार की कमी, स्वास्थ्य सेवाएं मंहगी

नई दिल्ली, 12 अगस्त (जनसमा)। सरकार एक ओर रोजगार, आर्थिक विकास औा स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सफलता के बडे-बडे दावे कर रही है वहीं दूसरी ओर  देश में रोजगार की कमी है और स्वास्थ्य सेवाएं मंहगी हो रही हैं।

शनिवार को सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण साफ-साफ कह रहा है कि रोजगार के क्षेत्र में कुशलता की कमी है और लोगों को इलाज आदि पर अधिक खर्च करना पड रहा है।

सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में कहा गया है कि भारत में रोजगार की स्थिति एक बड़ी चुनौती है, जो अनौपचारिक, असंगठित और अनियमित कामगारों से संबंधित है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि कम लोगों को रोजगार प्राप्त है, कुशलता की कमी है और श्रम बाजारों पर कठोर श्रम नियम हावी हैं। इसके अलावा अनुबंधित श्रम भी एक चुनौती है।

सर्वेक्षण में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा गया है कि भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र  में भी कई चुनौतियां हैं। इनमें स्वास्थ्य सेवाओं में सार्वजनिक भूमिका कम हो रही है, स्वास्थ्य पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है और कई लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती दर पर नहीं मिल पा रही हैं।

सरकार के स्वच्छ भारत मिशन ने शुरूआत से ही उल्लेखनीय प्रगति की है। स्वच्छता और खुले में शौच से मुक्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खुले में शौच जाने वाले लोगों की संख्या में कमी आ रही है। अनुमान है कि यह संख्या 35 करोड़ से कम हो जाएगी।

भारत प्रगति के एक ऐसे चरण में है जिसमें तेज रफ्तार से विकास करने और बड़ी संख्या में देशवासियों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने की जरूरत है। अब भी बड़ी संख्या में देशवासी बिजली की सुविधा से वंचित हैं। एसडीजी 7 का उद्देश्य सभी की पहुंच किफायती, विश्वसनीय, सतत तथा आधुनिक ऊर्जा तक सुनिश्चित करना है।